इक्कीसवीं सदी के साइलेंट किलर का ख़िताब जिस बिमारी को जाता है वो है उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर | ब्लड प्रेशर व्यक्ति के जीवन के लिए वैसे ही जरुरी है जैसे किसी शहर को चलाने के लिए पानी का पाइप लाइन में प्रेशर | आपने सुना होगा कि अमुक व्यक्ति बहुत ज्यादा गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है और उसका ब्लड प्रेशर बहुत कम हो गया है इसलिए बचने की उम्मीद कम है | यानि ब्लड प्रेशर कम हो जाना बेहद खतरनाक है | लेकिन हम बात कर रहे है हाई बीपी की | तो सबसे पहले जानते है की ब्लड प्रेशर है क्या ?
रक्त जब धमनियों में प्रवाहित होता है तो धमनियों की दीवारों पर उसके घर्षण से जो दबाव उत्पन्न होता है उसे ब्लड प्रेशर कहते है | यानि बीपी नामक कोई बीमारी नहीं होती है बल्कि आम बोलचाल की भाषा में लोग हाई बीपी को 'बीपी' हो गया कहने लगते है |
सामान्य बीपी :- व्यस्को में सिस्टोलिक बीपी 120 या उससे कम और डायस्टोलिक बीपी 80 या उससे कम सामान्य बीपी होता है | आजकल कई बार लोगों से सुनने को मिलता है कि ज्यादा उम्र में बीपी अपने आप ही बढ़ा हुआ रहने लगता है , परन्तु यह एक प्रकार कि भ्रान्ति है | यदि बीपी सिस्टोलिक 130 -140 या डायस्टोलिक 80 -90 की रेंज में आ जाए तो उसे प्रीहाइपरटेंसन कहते है | यानि बीपी सिस्टोलिक 140 से ज्यादा हो या डायस्टोलिक 90 से ज्यादा हो दोनो ही अवस्था में हाई कहलाएगा |
खतरा .......यदि बीपी ज्यादा समय तक बढ़ा रहे और अनियंत्रित रहे तो धीरे-धीरे शरीर के अंगो को क्षति पहुँचने लगती है | इसका सबसे अधिक घातक असर होता है ह्रदय पर | ह्रदय की धमनियों को यदि लम्बे समय तक हाई-बीपी झेलना पड़े तो हृदयघात यानि हार्ट अटैक की आशंका कई गुना बढ़ जाती | इसी तरह लकवा होने की आशंका भी बहुत बढ़ जाती है | समय के साथ गुर्दों का फेल होने का डर भी रहता है जो की एक जानलेवा होती है | आँखों के पर्दे पर रक्त स्त्राव या सुजन हो सकती है | यानि शरीर के चार विशिष्ट अंगो को खतरा पैदा हो जाता है |
कारण ........... कुछ ऐसी बीमारियाँ है जिससे बीपी बढ़ने का कारण आसानी से मालुम पड़ जाता है जैसे की गुर्दों में पथरी होना , गुर्दों फेल हो जाना या पेशाब की नली में रूकावट होना | थायराइड की बीमारी से भी बीपी बढ़ सकता है | लेकिन इसके पीछे सबसे प्रमुख कारण है भोजन में नामक की अधिकता व तेल घी का जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल और मोटापा, ये सभी बीपी को बढ़ जाने में छुपे हुए कारण है |
लक्ष्ण.......... जैसा की शुरू में बताया गया है की यह एक साइलेंट किलर है , यानि हाई बीपी का अपना कोई विशेष लक्ष्ण नहीं होता है | कुछ मरीज सर-दर्द, थकन, सांस फूलने की शिकायत करता है लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल नहीं की जब सर-दर्द हो तो मान ले की बीपी बढ़ गया होगा और बस तभी दबा खा ले | कई मरीज तो 240 -120 होने पर भी आराम से घूमते रहते है | लेकिन यह बेहद खतरनाक होती है |
क्या कोई स्थाई इलाज़ है ........अधिकतर मरीजों में ऐसी कोई एक बिमारी या कारण पकड़ में नहीं आता जिसका इलाज होने से उच्च रक्त चाप की समस्या स्थाई रूप से ठीक हो जाय | एलोपेथ में उच्च रक्त चाप का कोई स्थाई इलाज नहीं होता है | अगर कोई इलाज है तो वो है वैकल्पिक चिकत्सा जिसमे पक्का इलाज संभव है | आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों जैसे फॉर एवर लिविंग प्रोडक्ट्स का विश्वशनीय उत्पाद का इस्तेमाल अगर कोई व्यक्ति चार से छे महीने तक करता है तो उन्हें है बीपी जैसे जानलेवा रोग से मुक्ति मिल सकती है | इसके लिए जरुरी है विश्वास व लगातार उत्पाद को लेने की ,फोरेवर लिविंग प्रोडक्ट्स के उत्पाद से न सिर्फ हाई- बीपी उसके साथ-साथ सम्बंधित सम्पूर्ण रोग से मुक्ति मिल सकेगी|
निम्नलिखित उत्पाद इस रोग के लिए आप ले सकते है : -
ALOEVERA GEL, ARCTIC SEA OMEGA 3, GARLIC THYME, ABSORBENT साथ में अगर गुर्दों सम्बंधित समस्या है तो LYCIUM PLUS
!!!
अतः उच्च रक्त चाप एक आम और खतरनाक बीमारी है | कारण अपने लक्ष्ण लम्बे समय तक पता नहीं लग पाता है और दिमाग के साथ-साथ शरीर के कई अंगो को खोखला करती रहती है | जीवन शैली व आहार , रहन -सहन ऐसे रखे की तकलीफ आये ही नहीं बीपी बढ़ने की दशा में चिकित्सक का सलाह जरुर ले और आयुर्वेदिक उपचार जो की प्रार्थमिक उपचार के रूप में अपने और बिना किसी दुष्प्रभाव के निरोगी जीवन जिए !!!
For Aloe Vera products Join Forever Living Products for free as a Independent Distributor and get Aloe Vera products at wholesale rates! (BUY DIRECT AND SAVE UP TO 30%)To join FLP team you will need my Distributor ID (Sponsor ID) 910-001-720841.or contact us- admin@aloe-veragel.com एलोवेरा के बारे में विशेष जानकारी के लिए आप यहाँ यहाँ क्लिक करें"एलोवेरा " दिल को रखें दुरुस्त - एलोवेरा जेल से ! सर्दियों में भी रखें त्वचा जवाँ - एलोवेरा युक्त उत्पाद से ! !