आजकल यह कहना अतिशयोक्ति होगी की आयु पर हम विजय पा सकते है | प्राणी की कब मृत्यु हो जाय, कुछ कहा नहीं जा सकता है | हर क्षण मृत्यु के करीब जा रहे प्राणी की आयु शरद ऋतु के बादल के सामान स्वल्प है, यह तो बुझते हुए लौ की दीपक के समान चंचल है, जो गई हुई देखी जाती है |
सबाल यह नहीं है की आपकी कितनी आयु है पर जितनी भी आयु आप जिए वह सुखकर हो, दिन-हिन् और रोगी बनकर जीना बहुत ही कष्ट देता है | मृत्यु के श्रीजन्हार असंख्य रोगों को शरीर में समा देते है और उसे कष्ट दे-देकर मारने की जुगत में लगे रहते है |
ज्यादातर रोग हमारी खुद की गलतियों के परिणाम होते है | स्वास्थ्य का महत्व भी उस समय ज्ञात होता है जब व्यक्ति बीमार होता है | रोग कोई भी हो - कब्ज़ या कैंसर, सभी रोग ख़राब और आयु का क्षीण करने वाले होते है | जो दूरदर्शी लोग होते है वह हर समय सेहत की अहमियत को ध्यान में रखते है और ऐसे कार्य से बचते है जो अंततः रोगकारक बनें |
रोग अपनी शुरुआती दौर में प्रायः घातक नही होते लेकिन बाद में वे जटिल बनते चले जाते है | कब्ज़ जैसा मामूली सा रोग भी हमारी लापरवाही का परिणाम होता है | वैसे कब्ज़ अपनी प्रारम्भिक अवस्था में बिना नुक्सान पहुंचाए सामान्य उपचारों से मिट जाता है लेकिन यदि लापरवाही बरती जाए तब धीरे-धीरे यह अन्य रोगों का कारण भी बन जाता है |
वर्तमान में कैंसर का भी प्रसार बहुत है | सामान्य विकार बिगरते-बिगरते कैंसर में परिवर्तित हो जाते है | इसे मौत का दूसरा नाम भी कह दिया जाता है | कैंसर के मरीज को देखकर एक स्वस्थ्य व्यक्ति के अंदर से यही शब्द निकलते है " हे भगवान मुझे इस बीमारी से बचाए रखना" |
वैसे इश्वर ने हमें वे सुविधाए दे रखी है जिनसे हम रोगों से बचे भी रह सकते है, रोग निवारण भी कर सकते है और दीर्घायु को प्राप्त कर सकते है , लेकिन जानकारी के अभाव में अथवा लापरवाही वश हम इन सुविधाओं का लाभ न उठाकर विज्ञापनबाजी से प्रचारित उन चीजो का ज्यादा इस्तेमाल करते है जो अंततः स्वास्थ्य के लिए घातक ही सिद्ध होती है | कोल्ड्रिंक्स,वर्गर,पिज्जा इत्यादि अनेक उदाहरण आपके सामने है |
बहरहाल यहाँ उस 'कमाल के नुस्खे' को निचे दिया जा रहा है जो बहुत ही साधारण और घरेलु है | तो आपके लिए लीजिये प्रस्तुत है घरेलु परन्तु असरदार नुस्खा :-
तुलसी और पुदीना की सामान मात्रा को मिलकर बनाये गए चूर्ण का नित्य नियमपूर्वक 5 ग्राम मात्रा दिन में एक बार सेवन किया जाए तो कैंसर जैसे भयंकर बीमारी से सदैव बचा जा सकता है | यह नामुराद बिमारी आपसे दूर ही रहेगी |
अगले क्रम में आपसे इस बनौषधि दोनों के मिश्रण के बारे में विस्तृत जानकारी और शोध के विषय के साथ उपस्थित होंगे !
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अरे.. दगाबाज थारी बतियाँ कह दूंगी !
सच्ची बात तो यह है की अगर ये खाकी और खादी वर्दीधारी सुधर जाए तो देश स्वतः सुधर जाएगा | सोमबार रात की घटना जो दिल्ली वालों को दिल दहला दिया | बात लक्ष्मी नगर के पास ललीता पार्क की है | सोमबार रात के 8 बजे पाँच मंजिला इमारत मलबे के ढेर में तब्दील हो गया ! कोई नहीं जानता की कब क्या हो जाए ? किसी ने कभी सोचा भी नहीं होगा की इस कदर ये पाँच मंजिला इमारत रेत की तरह भरभरा के गिर पड़ेंगे ? सरकारी आंकड़ा के अनुसार अब तक इस हादशा में करीब 70 व्यक्ति ने अपनी जान गवां दी है |
शक्तिशाली भारत को एक ओर जहाँ पड़ोसियों ने कमजोर करने की कोशिस किया, वहीँ हमारे अपने ही लोग भी इस कुकृतियों में शामिल रहे है, यह सौ फीसदी सत्य है ! स्वभाविमान राष्ट्र के लिए सबसे पहली आवश्यकता है, वहां के लोगों का नैतिक स्तर उच्च होना !
वर्तमान में हमारे देश में उच्च नैतिक स्तर वाले भी है लेकिन नैतिकता से गिरे लोगों की अपेक्षा कम है | आज हम किसी भी क्षेत्र की बात करें भ्रष्ट और बेईमान लोगों की कोई कमी नजर नहीं आएगी !राजनीती क्षेत्र की बात करें तो लगता है की पुरे 'कुए में ही भांग' मिली हुई है !चाहे सताधारी हो या विपक्ष, अधिकांश भ्रष्टाचार में लिप्त दिखाई देते है |
हमारा मकसद ऐसे भ्रष्ट आचरण वाले लोगों को सरेआम उजागर करना , जिनके कारण आज 70 बेगुनाहों की मौत हो गई है | प्रशाशन के कुछ भ्रष्ट आचरण वाले अधिकारी की पूरी जिम्मेदारी है जिन्होंने भवन निर्माण कार्य में पाँच मंजिल इमारत बनाने की इजाजत दी थी |साइलेंट किलर है यह खादी और खाकी के वर्दी में लिप्त कुछ भ्रष्ट अधकारी !
आज एक बार फिर से दिल्ली शर्मशार हो गई | ठीक उसी इलाके में अभी तक़रीबन चार या पाँच बिल्डिंग और भी जो कभी भी गिर सकती है परन्तु प्रशाशन की कान पर जूं नहीं रेंगता | उन्हें इसके बारे में ततकाल कदम उठाना चाहिए ! या फिर प्रशाशन दूसरी घटना का इन्तेजार करेगी | क्या आँखे खोलने के लिए इतना कुछ कम है ?
अरे कुम्भकरण भी छे महीने पश्चात् उठ जाया करता था परन्तु लगता है जैसे प्रशाशन सालों भर सोती रहती है और घटना उपरांत तुरंत नींद से जाग जाती है ! अपनी फायदों के लिए ऐसे खुनी खेल बंद करों ! आखिर कब तक लोगों को उनके ऊपर का आशियाना छिनते रहोगे ?
कई घरों के चिराग बुझ गए , कईयों ने अपने परिजनों को खो दिया ? कौन है इनके जिम्मेदार ? क्या उनके बिलखते हुए आत्मा उन्हें कभी माफ़ कर सकेगा ?
आज हम सभी जानते है की अनेकता में एकता राष्ट्र के रूप में विश्व विख्यात हमारा देश आज भ्रष्टाचार में नित नई ऊँचाइयों को छू रहा है | अगर देश का रक्षक ही भक्षक बनने को उतारू हो तो देश की हालात क्या हो सकता है ! भले ही ऐसा कुछ चंद लोग करते हों परन्तु बदनामी का दाग तो दूर-दूर तक अन्य लोगों को भी दागदार बना देता है |
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अरे.. दगाबाज थारी बतियाँ कह दूंगी !
आइये कल की चर्चा को एक बार फिर से आगे बढाते हुए, शुरुआत करते है मधुमेही का क्या आहार होना चाहिए और क्या नहीं ? चुकी एक ओर जहाँ दुनिया भर में इस रोग से करोड़ों लोग मुश्किल में फंसे हुए है तो दूसरी ओर इस रोग का स्थायी इलाज अभी तक नहीं मिल पाने के कारण दुनिया भर के चिकित्सा विशेषग्य हैरान परेशान है |
मधुमेह के नाम से मशहूर यह रोग वास्तव में 'मधुमेह' न होकर 'विपतियों का मेह' बना हुआ है | इस रोग से जुड़े हर पहलुओं पर चर्चा हमेशा किसी न किसी प्रकार से की जाती रही है | परन्तु आज उस पहलु पर चर्चा करने जा रहे है जिससे आम मधुमेही को विशेष जानकारी नहीं होती है यानि रोगीं को दैनिक उपयोग की वस्तुओं में किन-किन चीज का सेवन करना चाहिए तथा किसका नहीं !
तो आइये चर्चा करते है आहार सम्बंधित वस्तुए रोगी अपने दैनिक उपयोग में क्या अपनाए और क्या नहीं ?
1 . क्या मधुमेही चावल का सेवन कर सकता है ?
> चावल साधारण और जटिल कार्बोहाईड्रेट का मिश्रण है | अतः चावल-दाल के मिश्रण से बनी खिचड़ी खाई जा सकती है | मार्केट में अधिक रेशे वाले ब्राउन चावल भी मिलते है, इनका सेवन किया जा सकता है |
2 . क्या मधुमेही आलू का सेवन कर सकता है ?
>आलू भी चावल की तरह साधारण तथा जटिल कार्बोहाईड्रेट का मिश्रण है, फिर भी इसे सिमित मात्र में खाया जा सकता है | परन्तुं इसे अगर पत्तेदार और रेशेदार सब्जियों के साथ खाया जाये तो बेहतर होगा |
3 . क्या मधुमेही को पपीता खा सकता है ?
> अधपका पपीता खाना बेहतर है जो मीठा नहीं होता | पका पपीता से बचे क्यूंकि वह ज्यादा मीठा होता है |
4 . क्या मधुमेही जामुन खा सकता है ?
> हाईपोग्लाईसीमिक तत्व जामुन में पाया जाता है , जो अग्न्याशय और शर्करा स्तर को घटाता है, अतः जामुन का उपयोग मधुमेही के लिए बेहतर होगा | जामुन का गुठली का 3-3 ग्राम चूर्ण दिन में 3 बार लेने से रक्त शर्करा का स्तर घटता है |
5. क्या मधुमेही के लिए मेथी के बीज उपयोगी होते है ?
> मेथीबीज में हाईपोग्लाईसीमिक तत्व रक्त शर्करा को कम करते है, अतः इनका सेवन उपयोगी है | इसका सेवन सूप,चटनी या सब्जी के रूप में किया जा सकता है | यदि नित्य 12 घंटे पानी में भीगे मेथीबीज का पेस्ट बनाकर दबाई के तौर पर लिया जाए तो शर्करा का स्तर नियंत्रित रखा जा सकता है | दिन भर में 200 ग्राम तक लिए जा सकते है |
6 . करेला मधुमेही के लिए कितना उपयोगी है ?
> मधुमेही के आलावा और भी कई रोगों में करेला उपयोगी है | इसमें पाया जाने वाला इंसुलिन रक्त और मूत्र की शर्करा का कम करता है | यदि प्रतिदिन सुबह खली पेट 125 से 140 मि.ली. करेले का जूस लिया जाये तो परिणाम बेहतर मिल सकता है | यह लीवर और पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है तथा रक्त को शुद्ध व त्वचा रोग में भी लाभ होने लगता है |
7 . नीम की कोपलें मधुमेही के लिए कितनी उपयुक्त है ?
> कोपलें ही नहीं बल्कि नीम की अन्तर्छाल भी रक्त शर्करा स्तर को कम करती है क्योंकि इसमें हाईपोग्लाईसीमिक तत्व होता है | नीम की पत्तियों और छाल का रस लेना बहुत ही फायदेमंद रहेगा | दोनों की बराबर मात्रा यानि 5 ग्राम को 300 ग्राम पानी में डालकर उबले | पानी जलकर एक चौथाई रह जाये तक छानकर पी लें | ध्यान रहें उपरोक्त रस का सेवन अधिक दिनों तक न करें क्योंकि नीम का ज्यादा सेवन से कामशक्ति प्रभावित हो सकती है |
8 . क्या अलसी का सेवन मधुमेही के लिए उपयोगी है ?
> जी हाँ, मधुमेही के लिए अलसी का सेवन उपयुक्त है | अलसी 25 ग्राम तक मिक्सी में पीसकर आटा में मिलकर इस आटे की रोटी खाई जा सकती है |अलसी का सेवन व्यंजन बनाकर भी किया जा सकता है |
9 . क्या दूध का सेवन मधुमेही को करना चाहिए ?
> यदि ह्रदय रोग की शिकायत न हो तब मधुमेही कम मात्रा में दूध का सेवन कर सकता है | स्किम्ड मिल्क की 500 मि.ली. मात्रा तथा टोंड मिल्क की 200 मि.ली. मात्रा का सेवन किया जा सकता है |
10 . मधुमेही को पनीर का सेवन करना चाहिए ?
> पनीर और छैना जो दूध के ही उत्पाद है, का सेवन मधुमेही कर सकते है, वशर्ते वह ह्रदय रोगी न हों |
11 . चाय-कॉफ़ी मधुमेही के लिए कितनी उपयुक्त है ?
> इन उत्तेजक पेयों में टैनिन और कैफीन नामक तत्व होता है, अतः इनका सेवन कम से कम करना चाहिए | दिन भर में 2 कप चाय या कॉफ़ी बिना चीनी यानि फीकी अथवा कृत्रिम मिठास डालकर ली जा सकती है |
13 . क्या नारियल का सेवन मधुमेही के लिए उपयुक्त है ?
> ह्रदय रोगी के लिए नारियल उपयुक्त नहीं है | यदि केवल मधुमेह है, तब इसका सेवन किया जा सकता है | नारियल का पानी भी दिनभर में दो कप तक पिया जा सकता है |
14 .क्या बादाम का सेवन कर सकते है ?
> केवल मधुमेह होने पर बादाम का सेवन किया जा सकता है | 100 ग्राम बादाम में 58.9 ग्राम वसा पायी जाती है जो 12 चम्मच तेल के बराबर है | अतः यदि ह्रदय रोग और उच्चरक्तचाप भी साथ में है, तब इसका सेवन न करें |
15 . मधुमेही को खजूर का सेवन नहीं करना चाहिए |
> मधुमेही को खजूर का सेवन नहीं करना चाहिए |
16 . क्या अखरोट का सेवन उपयुक्त हो सकता है ?
> मधुमेह में अखरोट का सेवन किया जा सकता है | इसकी 100 ग्राम मात्रा में 64.5 ग्राम वसा होती है जिनसे ट्राईग्लिसराइड की मात्रा बढती है अतः ह्रदय रोग अथवा उच्चरक्तचाप में इसका सेवन करना ठीक नहीं है |
17. डबल रोटी का सेवन कितना उपयुक्त हो सकता है ?
> डबल रोटी भी दो प्रकार की मिलती है, एक तो मैदे से बनी हुई सफ़ेद डबल रोटी, इसकी 100 ग्राम मात्रा में 0.2 ग्राम फाइबर होता है | दूसरी डबल रोटी भूरे रंग की होती है जो आटे की बनती है, इसकी 100 ग्राम मात्र में 1.2 ग्राम फाइबर होता है तथा 245 कैलोरी पायी जाती है | इसलिए सफ़ेद की बजाय भूरी डबल रोटी अधिक उपयुक्त है |
सबसे उपयुक्त होगा अगर आप अपने आहार में एलो वेरा जूस शामिल कर लें | एलो वेरा में मौजूद क्रोमियम,बिटासेल्स और विभिन्न प्रकार के विटामिन्स, मिनरल्स,खनिज जो शरीर के सेल स्तर पर काम करती है और आपके शरीर की जरूरतों को पूरा कर देती है जिससे आप रहते है हमेशा चुस्त और दुरुस्त |
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रोगों की उपस्थिति कोई नई बात नहीं है, प्राचीन से अर्वाचीन कल तक हर युग में रोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराती रही है | बल्कि यह कहना यथार्थ होगा की मनुष्य के उद्भव से पहले रोगों ने अपनी जड़े जमा चुके थे | खोजों से यह पता चला है की रोग फ़ैलाने वाले कुख्यात मच्छड विश्व रंगमंच पर मनुष्य के आगमन से पहले ही आ गए थे | जाहिर सी बात है जब इसका अस्तित्व प्राचीन काल से है तो हर युग -हर काल में मनुष्य इनसे पीड़ित रहा है |
लेकिन वर्तमान में रोगों की व्यापकता जनमानस को त्रस्त कर रखा है | अधिकांस व्यक्ति आज कल किसी न किसी रोग से घिरे नजर आते है | कई रोग तो प्रयाप्त चिकित्सा लेने से मिट जाते है जबकी अनेक रोग चिकत्सा से शांत यानि दबा तो रहते है पर विदा यानि जड़ से खत्म नहीं होते | मेहमानों की तरह उम्र भर खातिरदारी कराते रहते है | जरा सी भी मेहमानबाजी में कमी हुई उनके तेवर चढ़ जाते है और फिर बहुत नुकसान पंहुचा जाते है | ऐसे रोगों में वर्तमान के प्रमुख रोग है ,मधुमेह !
आजकल मधुमेह की महामारी से न केवल व्यक्ति विशेष परेशान है बल्कि चिकित्सा विशेषज्ञों से लेकर सरकारें भी इस रोग को जड़ से नष्ट करने के प्रयासों में लगी हुई है|
एलोपैथी में औषधियों तथा इंसुलिन के सेवन से इस पर काबू तो पाया जा सकता है मातब बस दबाया जा सकता है लेकिन मिटा पाना अभी तक संभव नहीं हुआ है |
कई जड़ी-बूटियां मधुमेह में बढ़ी हुई रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में उपयोगी सिद्ध हुई है, ऐसी वनस्पतियों( Forever Aloe Vera Gel) जिसमे बीटा सेल्स में वृद्धि करने की सामर्थ्य हो जिसमे क्रोमियम भी पाया जाता हो तो मधुमेही का जीवन कुछ आसन हो जाता है क्योंकि बीटा सेल्स की सक्रियता में आ रही लगातार कमी रुक जाती है इससे अग्न्याशय ग्रन्थि ठीक तरह से कार्य कर पाती है |
मधुमेही के लिए तो उचित यह होगा की उसे चिकित्सक के परामर्श पर एलोपैथिक औषधियों का सेवन के साथ ही गुणकारी आयुर्वेदिक औषधियों का साथ सेवन करते रहें ताकि इस रोग के प्रभाव को नियंत्रण में रखकर अपने आहार-विहार के सही पालन करता हुआ रोगों से मुक्ति पाकर दीर्घायु प्राप्त कर सकें |
फॉर एवर लिविंग प्रोडक्ट के मधुमेह पर कारगर " एलो वेरा जेल", "फील्ड्स ऑफ़ ग्रीन", "लाइसियम प्लस", "जिन-चिया" इत्यादि उत्पादों में मधुमेह में अत्यंत उपयोगी और शरीर तथा शरीर में ताकत और जोश को बनाए रखने के लिए लोग री- वाइटल का प्रयोग करते है बिलकुल वही गुण आपको हमारी "जिन-चिया" में मिलेगी और वो भी 100 फीसदी आयुर्वेदिक | अतः शरीर के किसी भी प्रकार की कमजोरी के लिए आप इसका प्रयोग करें और अपनी खोयी हुई शारीरिक ताकत को पुनः प्राप्त करें |
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हिन्दू रीतिरिवाज के अनुसार, त्यौहार या ख़ुशी के अवसर पर मिठाई न बांटे तो खुशियाँ अधूरी माना जाता है | चाहे अवसर हो, शादी-विवाह का, जन्म-दिन या कोई पर्व मिठाई हमारी प्राथमिकता होती है | वगैर इसके तो कई अनुष्ठान संभव ही नहीं हो सकता है |
पर क्या वर्तमान में जिस तरह से मिठाई को लेकर तरह तरह की भ्रान्तियां और रोज समाचार पत्र में मिलावट खोरो की चर्चा ,क्या लगता है की मिठाई खाना या बाँटना चाहिए ?
शायद नहीं पिछले साल की बात है मेरे कार्यालय में उपहार स्वरूप मिठाइयाँ बांटा गया था | लोगों ने जमकर खाया और अपने-अपने घर को भी ले गए थे | परिणाम बहुत भी भयावह हुआ सुबह बहुत लोग अस्पताल तक पहुच गए | कुछ लोगों को पेट में बहतु तेज जलन और स्वस्थ्य बिगड़ गया और उसे अपोलो में भर्ती कराया गया | उन लोगों की दीपावली अस्पताल के बिस्तर पर ही हुआ | तिन से चार दिन लग गया उनलोगों को सामान्य होने में |
अब कुछ दिन पहले की बात है - 10 टन नकली खोया बाजार में नकली मिठाई पडोसने के काम में लगे हुए है | पुलिस प्रशासन अभी भी मस्स्क्त कर रही है परन्तु उनके पहुच से दूर है | पुलिस की नाकामी के वजह से उनके हाथ में आई 10 टन नकली खोया गायब हो गया |
क्या मजाक है? लोगों की जान की पड़ी है | जाने अनजाने में ये जहर किस किस लोगों तक पहुंचेगी और उनका क्या परिणाम होगा ? इस सबके लिए जिम्मेदार कौन होगा ? सिर्फ इतन कह देने से काम नहीं चलेगा जहाँ पर लोगों की जिन्दगी और मौत का सवाल है | उचित कारबाई होनी चाहिए ताकि नकली खोया से बना हुआ मिठाई लोगों तक न पहुच सके |
भला 10 टन खोया कोई 10 किलो जैसे तो नहीं हो सकता है जो सामने रखी हो और अचानक से गायब हो जायेगा | प्रशासन के क्रियाकलाप पर यह एक संदेह का विषय है | उनकी जांच करके ऐसे भ्रष्ट पुलिस कर्मी को तत्काल निलंबन कर देना चाहिए |
कुछ लोगों के अपने आर्थिक स्वार्थ सिद्ध करने के वजह से आम लोगों में जहर बाँट रहे है | प्रशासन चाहे तो वो ऐसे मिलावटखोरों को अपने गिरफ्त में ले सकती है परन्तु 'चोर चोर मसोरे भाई' वाली कहावत है न, भला कौन अपना नुकसान करें ? आजकल का नारा है "काम अपना बनता भांड में जाय जनता" |
मिलावटी मिठाइयों की भरमार के बाद लोगों में दीपावली पर उपहार स्वरूप चाकलेट बाँटने का चलन बढ़ा है | लेकिन मिलावटखोरों ने चाकलेट को भी अछूता नहीं छोड़ा है | यहाँ तक नामी गिरामी कम्पनी के प्रोडक्ट भी इसके शिकार है |
इसलिए आप ब्रांडेड चाकलेट खरीदने से पहले आप सावधान हो जाइये | चुकी विशेषज्ञों का मानना है की मिलावटी चाकलेट में घटिया किस्म की चीनी, वजन बढाने के लिए कुछ पदार्थ और घटिया रंग मिलाये जाते है जो की स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है |
अतः दीपाली की मिठाइयाँ कहीं आपके जीवन की मिठास के लिए मुसीबत न बन जाय | ऐसे कोई भी मिठाई व चाकलेट खरीदने से पहले आप सावधान रहें | हाँ सबसे अच्छा उपहार हो सकता है वर्तमान में ड्राई फ्रूट |
आप सबों को मेरे और मेरे परिवार की ओर से दीपावली का ढेरो-ढेरो शुभकामना !
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