केला एशिया का फल है और यह गर्म देशों में पैदा होता है | हमारे यहाँ तो पूजा अनुष्ठान में केला का फल रखा जाता है , इसीलिए उपयोगिता के अधर पर इसे देवफल भी कहा जाता है | केले के पते को बहुत ही पवित्र और लाभदायक माना जाता है | शायद यही कारण है जहाँ हमारे यह कई राज्यों में केले के पते पर रखकर भोजन खाने खिलने का प्रथा है | पकने पर इसमें मिठास आ जाती है परन्तु जल्दी से यह गल भी जाता है | पर इसकी विशेषता यह है की इसमें किसी भी प्रकार का कीड़ा नहीं लगता है | यह स्वयं में एक ऐसा फल है जो बंद और कीटाणु रहित होता है | पकने के बाद केले की उपरी मोटी छाल आसानी से उतर जाती है |
पौष्टिक पदार्थ :- केला वीर्यवर्धक, शुक्रवर्धक है ! नेत्र रोग में लाभदायक है , यह एक शक्तिदायक आहार है | इसे रोटी की जगह खाना चाहिए | केले में स्टार्च और शर्करा अधिक होती है | छोटे बच्चे को दूध में मिलकर दे सकते है | यह कफ व रक्त पित नाशक है |
केले में प्राकृतिक शर्करा, सुक्रोस, फ्रक्टोस, ग्लूकोस एवं रेशा होता है | इसके सेवन से तत्काल उर्जा प्रदान करता है | आधुनिक सहोद से सिद्ध हुआ है की कठोर व्यायाम से खर्च होने वाली उर्जा की पूर्ति दो केले खाकर कर सकते है | इसलिए धावकों की पहली पसंद के रूप में केला ही होती है | कई रोगों में तो इसे पथ्य के रूप में भी प्रयोग किया जाता है | एक केले में 27 ग्राम कार्बोहाईड्रेट मिलता है | एक अछे स्वस्थ्य के लिए नित्य 300 ग्राम कार्बोहाईड्रेट लेने चाहिए |
केले में मुख्यतः विटामिन-ए, विटामिन-सी,थायमिन, राइबो-फ्लेविन, नियासिन तथा अन्य खनिज तत्व होते है | इसमें जल का अंश 64.3 प्रतिशत ,प्रोटीन 1.3 प्रतिशत, कार्बोहाईड्रेट 24.7 प्रतिशत तथा चिकनाई 8.3 प्रतिशत है |
शक्तिवर्धक :- एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच घी, पिशी हुई इलाइची व शहद मिला कर केले खाने के साथ पीने से शरीर शुन्द्र और मोटा होगा | बल, वीर्य, शुक्राणु ,काम-शक्ति और मष्तिस्क शक्त बढ़ेगी | स्त्रियों का प्रदर रोग ठीक होगा | दही में केला और पीसी हुई मिश्री मिलकर खाने से भी मोटापा बढ़ता है |
बलवृद्धि के लिए व्यायाम तथा खेलकूद के बाद केले खाना चाहिए | केले में कार्बोहाईड्रेट प्रयाप्त मात्र में होता है जो सरलता से पाच जाता है , छोटे बच्चे को आसानी से दिया जा सकता है | यह बच्चों के लिए उतम आहार है | इसे मसलकर दूध में मिलकर खिलने से अधिक फायदा होता है | यह खून में वृद्धि करके शरीर की ताकत बढाता है | नित्य केला का सेवन अगर दूध के साथ किया जाय तो तो कुछ ही दिनों में स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव देखा जा सकता है |
केले को पकाने के लिए इथियन एवं कैल्सियम कार्बाइड रसायन का पानी के घोल में डुबाया जाता है इससे केले पक जाते है | ये रसायन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और इनसे केले के पौष्टिक तत्व भी नष्ट हो जाते है इसलिए प्राकृतिक तरीके या वर्फ से पकाया ही खाना चाहिए | चितलीदार केला रसायनों से पकाया जाता है | अतः इसे नहीं खाना चाहिए | सदा धोकर ही फल खाना चाहिए, बिना धुले केला या अन्य कोई भी फल हानिकारक हो सकता है |
>पेट की सुजन में केला आसानी से पच जाता है जबकि दुसरे पदार्थ मुश्किल से पचते है |
> टायफाइड तथा अन्य ज्वरों में केले का पथ्य बहुत लाभ देता है |
> आँतों के अल्सर तथा दुसरे रोग हो जाने पर रोजाना 6 से 9 केले खिलाने से लाभ होता है |
> खून की कमी को दूर करता है तथा गले की सुजन में लाभकारी है |
> गाउट रोग में यह मूत्र की यूरिक अम्ल घुलाने की शक्ति बढ़ा देता है |
> केले के पेंड में एक सफ़ेद डंडा होता है | इस डंडे के रस गर्मी के रोग तथा मष्तिष्क - सम्बंधित रोग शांत होते है | कैंसर रोगी के लिए यह औषधि का कार्य करता है |
For Aloe Vera products Join Forever Living Products for free as a Independent Distributor and get Aloe Vera products at wholesale rates! (BUY DIRECT AND SAVE UP TO 30%)To join FLP team you will need my Distributor ID (Sponsor ID) 910-001-720841.or contact us- admin@aloe-veragel.com
एलोवेरा के बारे में विशेष जानकारी के लिए आप यहाँ यहाँ क्लिक करें
"एलोवेरा " दिल को रखें दुरुस्त - एलोवेरा जेल से !
सर्दियों में भी रखें त्वचा जवाँ - एलोवेरा युक्त उत्पाद से ! !
3 comments
वाह ! बढ़िया स्वास्थ्यवर्धक जानकारी
केले के बारे में इतनी जानकारी. बहुत अच्छा
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है -
मीडिया की दशा और दिशा पर आंसू बहाएं
भले को भला कहना भी पाप
मेरे ब्लॉग पर आयें, आपका स्वागत है
मीडिया की दशा और दिशा पर आंसू बहाएं
Post a Comment