
अपने दम पर जिन्दगी जीने वाले कभी असफल नहीं होते ! जैसे की बाज कभी भी मरे हुए जानवर को नहीं खाते ! वो अपना शिकार खुद करते है ! कामयाबी हासिल करने के लिए भगत सिंह की इस लाइन को हमेशा याद रखिए ! " जिन्दगी तो अपने दम पर जी जाती है , दूसरों के कन्धों पर तो जनाजे जाते है !" स्वयं के द्वारा कार्य करने वाले लोग ही सफल होते है ! इसके लिए सबसे पहले तो अपने आप से वादा करना होगा " की हमें भीड़ से अलग पहचान बनाना है ! एक कामयाब लोगों की सूचि में अपना नाम दर्ज करवाना है ! इसके लिए खुद कामयाब लोगों से जुड़ना होगा , उनके तौर तरीके को सीखना होगा ! चुकी नाकामयाब...

कैंसर का खतरा जिस तेजी से आजकल बढ़ रही है इसका सर्व प्रमुख कारण आहार विहार का प्रदुषण, भोजन में अम्ल और मधुर रसो का अति सेवन है ! दूसरी ओर धुम्रपान व गुटखा पण मशाला का सेवन फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण है और मौतों का सबसे बड़ा कारण है ! वैसे तो कैंसर के बहुतेरे कारण है ! अब कुछ कारण आपके समक्ष रख रहे है जैसे की सूर्य के प्रकाश में अधिक देर तक रहने से त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ जाता है ! एस्बेस्टस का काम करने वाले मजदूरों में फेफड़े के एक अजीब प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है , जिसे "मिजोथिलिओमा" कहते है ! विकिरनें, चारकोल, खाने से बसा की अत्यधिक...

कल यानि 4 फरबरी विश्व कैंसर दिवस के रूप में मनाये जाते है ! यह एक ऐसा शब्द है जिसका नाम सुनते है पीड़ित व्यक्ति व उनके परिजन के होश उड़ जाते है ! वर्तमान में दुनिया में होने वाली मौतों का दूसरा प्रमुख कारण कैंसर है ! यह आज दुनिया भर में सबसे बड़ी स्वास्थ्य की समस्या बन चूका है ! तक़रीबन 10 लाख कैंसर के मामले प्रत्येक साल भारत में आते है ! देश में महिलाओं में गर्भाशय के मुख ( सर्विक्स ), स्तन व डिम्बग्रन्थि के कैंसर के सर्बाधिक मामले सामने आते है ! वहीँ पुरुषों में मुंह, गर्दन व फेफड़े व भोजन नली के कैंसर के मामले सबसे ज्यादा होते है !
शरीर के किसी...

"जा को राखे साइंया मार सके न कोई " बिलकुल ठीक कहा गया है , दरअसल आज शाम 6 .45 मिनट की घटना है ! पल्ला पुल के पास वाली आगरा नहर में एक बारहवीं क्लास की छात्रा ने छलांग लगा दी ! जिसका नाम उनके कापी पर श्वेता शर्मा लिखा हुआ था !
प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार लड़की देर शाम तक़रीबन साढ़े छे बजे आई ! मानसिक स्थिति कुछ ठीक नहीं लग रहा था ! पहले तो वो पुल के ऊपर से कूदने की सोच रही थी और कई बार प्रयास भी की परन्तु मौत के खौफ से वो नहीं कर पा रही थी फिर वो पुल के बगल से थोडा नहर के निचे गई और अपनी सॉल और कापी को निचे रख छलांग लगा दी !
वहीँ से गुजर रहा रिक्शा...