अपने दम पर जिन्दगी जीने वाले कभी असफल नहीं होते ! जैसे की बाज कभी भी मरे हुए जानवर को नहीं खाते ! वो अपना शिकार खुद करते है ! कामयाबी हासिल करने के लिए भगत सिंह की इस लाइन को हमेशा याद रखिए ! " जिन्दगी तो अपने दम पर जी जाती है , दूसरों के कन्धों पर तो जनाजे जाते है !" स्वयं के द्वारा कार्य करने वाले लोग ही सफल होते है ! इसके लिए सबसे पहले तो अपने आप से वादा करना होगा " की हमें भीड़ से अलग पहचान बनाना है ! एक कामयाब लोगों की सूचि में अपना नाम दर्ज करवाना है ! इसके लिए खुद कामयाब लोगों से जुड़ना होगा , उनके तौर तरीके को सीखना होगा ! चुकी नाकामयाब व्यक्ति के समूह या सांगत में रहकर हम कभी कामयाब नहीं हो सकते है ! कामयाबी हासिल करने के लिए जरुरी है आज ही उन तमाम नाकारात्मक प्रवृति के लोगों से नाता तोड़ ले जो हमेश कीड़े-मोकोड़े जैसे जिन्दगी जीना चाहते है और छोटी-मोती तुच्छ चीजों से संतुष्ट हो जाते है और उससे आगे कभी सोचना नहीं चाहते ! हमेशा उन कामयाब लोगों के साथ रहे जो कामयाब है और आगे बढ़ने के लिए उत्साहित रहते है !
आज चर्चा करते है हमारे कम्पनी के लोगो " बाज " के बारे में ------ इस महान पक्षी की सफलता के वो गुण जिनको हम अपने जिन्दगी में अपनाकर सफलता की ऊँचाइयों को छू सकते है ! क्या आपने कभी ऊँचाइयों पर बाज को देखा है ? क्या आप अपनी जिन्दगी में, अपने ऍफ़.एल.पी. व्यवसाय में, वही उंचाइयां हासिल करना चाहते है ? क्या आप शिखर पर पहुंचना चाहते है ? क्या आप अपने सपने साकार करना चाहते है ? क्या आप वास्तव में अमीर बनना चाहते है ? अगर इन सभी प्रश्नों का उत्तर ' हाँ ' है, तो आपको " बाज " बनना पड़ेगा !
' बाज ' सच में अपने इलाके , अपनी जिन्दगी का स्वामी होता है ! उन ऊँचाइयों पर पहुँचने का कल्पना करें, जिन ऊँचाइयों को हासिल करने के लिए लोग डरते है ! परन्तु " बाज " जैसी आजाद जिन्दगी जीने के लिए , अपने सपने को साकार करने के लिए, लक्ष्य को हासिल करने के लिए, अपनी बनाई हुई सीमाओं से मुक्त होना होगा !
" बाज " का विजन बहुत मजबूत होता है :- वो आसमान से पांच किलोमीटर से शिकार को देख लेता है ! हमेशा अपनी नजर वहां पर केन्द्रित रखता है ! चाहे चुनौतियाँ जितनी भी आ जाए , तबतक शिकार से वो नजर नहीं हटाता जबतक हासिल न कर ले ! फॉरएवर व्यवसाय या जिन्दगी के किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए, चाहे कितनी भी मुश्किलें आ जाए हमेशा अपना विजन मजबूत रखें ! अपनी लक्ष्य की ओर ध्यान केन्द्रित करें ! जीत आपकी एक दिन अवश्य होगी ! कामयाबी हासिल करने के लिए मुश्किलों से नजर हटानी होगी और अपने लक्ष्य की ओर ध्यान केन्द्रित करना होगा !
" बाज " चुनौतियों का मजा लेता है :- बाज ही एकलौता ऐसा पक्षी है , जो तुफानो से प्यार करता है ! जब आसमान में काले बादल आते है तो वो जोश से भर जाता है ! अपने पंख बहुत तेजी से मारता है , वो तेज आँधियों की मदद से ऊँचाइयों तक आँधियों के बीच पहुँच जाता है ! फिर वो पंख मारना बंद करके पंखों को आँधियों के आगे फैलाकर आसमान की ऊँचाइयों का मजा लेता है ! तेज आंधियां बाज को मौका देती है की वो अपने पंखों को आराम दे और हवा के दबाब के साथ उड़ता जाए ! जबकि और पक्षियाँ पेड़ के पत्तियों व टहनियों के आड़ में छिपने की जगह तालाश करते है !
फॉर एवर व्यवसाय में मुश्किलें तो आएगी, लेकिन आपका नज़रिया आप को शिखर पर ले जाएगा ! यह आप पर निर्भर करता है, या तो आप हालात बदल देंगे या हालात आप को बदल देंगे ! हम अपनी जिन्दगी की मुश्किलों के आगे घुटने टेक सकते है या उन्ही मुश्किलों से चैलेंज लेकर आगे बढ़ सकते है या आगे बढ़ने के लिए इस्तेमाल भी कर सकते है !
जिन्दगी में उपर उठने के लिए चुनौतियों का आना और होना जरुरी है ! यह बहुत जरुरी है की मुश्किल हालात से निकलना ही होगा अगर वो आगे बढ़ना चाहते है ! नहीं तो वो कभी नहीं सिख सकते ! अगर तैरना सीखना है , तो पानी में जाना ही होगा और चार-पांच गोता लगाने ही पड़ेंगे ! अगर आगे बढ़ना है , कामयाब बनाना है तो मार्केट में जाना ही होगा , चार लोगों की ना सुनानी पड़ेगी ! या तो हम विफलता के बहाने बना सकते है या मुश्किलों से सीख सकते है ! मुश्किलें एक सर्जरी की तरह होती है जिनके चलते दर्द तो होता है लेकिन वहीँ सर्जरी बड़े दुःख को दूर करने के लिए जरुरी होती है ! वही लोग आसमान की बुलंदियों को छू पाते है जो मुश्किलों से कभी हारते नहीं ! इसी वजह से वो सीखते है, दुनिया में आगे बढ़ते है और दुनिया उनको सलाम करती है !
व्यर्थ चीजो को त्याग करना :- पक्षियों की प्रजाति में बाज की जिन्दगी सबसे ज्यादा होती है, वो 70 साल तक जीता है ! पर इस उम्र तक पहुँचने के लिए उन्हें बहुत सख्त फैसले लेने पड़ते है ! जब वो 40 साल का हो जाता है तब उसके पंजे शिकार पकड़ने, झपटने के काबिल नहीं रहते ! उसकी लम्बी टेडी चोंच झुक जाती है ! उसके बड़े बूढ़े पंख उसकी छाती से अटक जाते है, जिसकी वजह से उसे उड़ने में भी मुश्किल होती है ! तब बाज के पास दो ही रस्ते होते है
1 . हालातों को अपने ऊपर हावी होने दे और मारना स्वीकार करें------ या
2 . 150 दिनों में एक दर्दनाक प्रक्रिया से निकले जिसकी वजह से उसे नया जीवन मिले !
बाज कभी भी हार नहीं मानता और अपने घोंसले के तरफ उड़ जाता है, अपनी चोंच को तब तक चट्टान के साथ मारता है, जबतक वो उखड ना जाए ! तब उसके बाद नई चोंच आने का इंतज़ार करता है ! उसके बाद अपने नाखूनों को भी उखाड़ता है ! जब उसके नए नाख़ून दुबारा आते है तब वो अपने पुराने पंखों को उखाड़ना शुरू करता है ! इस साड़ी प्रक्रिया में पांच महीने लगते है और उसके बाद उसके नए पंख आ जाते है तो उसका नया जन्म होता है ! वो एक नई उड़ान भरता है और इस तरह से वो ही बाज जो मरने की कगार पर खड़ा था , 30 साल और जीता है !
कई बार जिन्दा रहने के लिए, आगे बढ़ने के लिए बेकार चीजों को परित्याग करना और परिवर्तित प्रक्रिया से निकलना बेहद जरुरी होता है ! हमें सफलता के लिए नई आदतों को अपनाना पड़ेगा जिसकी वजह से हम तरक्की की ओर आगे बढ़ेंगे ! हमें पुराणी आदतों को छोड़ना पड़ता है , जिनको साथ लेकर हम आगे नहीं बढ़ सकते ! मुझे विशवास है की सफलता की उड़ान से आप प्रेरणा अवश्य लेंगे ! इसे पढने के बाद अपनी सफलता की राह की रुकावटों को नई नजर से देखेंगे !
तो फिर उड़ने के लिए तैयार हो जाए हम एक दिन शिखर पर जरुर मिलेंगे !!!
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