शरीर के Immune System ( निरोधक प्रणाली ) पर जो वायरस प्रभावित करता है , उसे हयूमन इम्युनोड़ीफिसीएनसी वायरस यानि की एच आई वी कहते है | यह वायरस निरोधक प्रणाली को धीरे धीरे पंगु बना देता है |
इसके शिकार ब्यक्ति को बुखार, फ्लू, डायरिया जैसी बीमारीयों पर काबू पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है , जबकि सामान्य ब्यक्ति की निरोधक प्रणाली इनसे आसानी से निपट लेता है | एच आई वी को एड्स ( एक्वायर्ड इम्यून डिफिसिएंसी सिंड्रोम ) में विकसित होने में 5 से 15 वर्ष लगते है |
यह वायरस शरीर में सबसे पहले टी- कोशिका नामक सफ़ेद रक्त पर हमला करता है | ये कोशिकाएं दूषित होने में शरीर की रक्षा करती है | वायरस जब किसी एक टी-कोशिका का काबू कर लेता तो, वह कोशिका मर जाती है ,और अपने जैसे करोड़ों-अरबों वायरस रक्तधारा के अन्दर छोड़ देता है | ये नए वायरस अन्य टी-कोशिका को संपर्क बनाता है इस तरह से कोशिका की तादाद बुरी तरह से प्रभावित होता है और निरोधक प्रणाली एकदम कमजोर पड़ जाती है|
लगभग 90% मामले में ( Heterosexuality ) पार्टनर बदल बदल कर सेक्स करना एड्स फैलाने में बहूत बड़े जिम्मेदार होता है | यह मां से शिशु में,गर्भ में या मां का दूध पीने से भी संक्रमित होता है | मादक पदार्थों का सेवन करने वालों को लगाईं गई सुई से या अस्पतालों के प्रभावित औजारों से भी एच आई वी फैलाता है | दूसरी संभाबनाएं है प्रभावित रक्त देना या अंग प्रत्यारोपण |
एच आई वी शरीर का जिन पदार्थों से फीता है वे है - रक्त,वीर्य,योनी का रिसाव और मां का दूध | अगर मुंह या मसूढ़ों में छाले,खराश है या जननेन्द्रियों में खुले जख्म वगैरह है तो मौखिक सेक्स से भी प्रभावित हो सकता है |
वैसे एच आई वी पोजिटिव माताओं को चाहिए कि शिशु को अपना दूध न देकर बोतल का दूध पिलाएं |एच आई वी वायरस आसानी से संक्रमित नहीं होता क्यूंकि जिस्म से बाहर आते ही यह तुरंत मर जाता है | प्रभावित ब्यक्ति के साथ उठने बैठने से या स्पर्श ,हाथ मिलाने,छींक आदि से भी इसके संक्रमक का जोखिम नहीं है | एच आई वी आंसू या थूक ,कफ-खांसी,एक ही ग्लास या कप के इस्तेमाल या हवा-पानी के जरिए भी नहीं फैलाता |
कुछ समय बाद शरीर इस वायरस के प्रतिरोध में प्रतिराक्षियाँ ( Antibodies ) बनाना शुरू कर देता है | जब खून जाँच में ये प्रतिरक्षी पाए जाते है तो उन्हें एच आई वी पोजिटिव माना जाता है | इससे प्रभावित ब्यक्ति का धीरे-धीरे वजन में गिरावट,डायरिया ( दस्त ) न्युमोनिया,बुखार ,त्वचा-कैंसर आदि होने लगते है | एड्स के ज्यादातर मरीजों का अंत इन प्रभावित बीमारियों से होता है न कि वायरस की वजह से |
एच आई वी / एड्स में रोगी को पोषक पूरक के माध्यम से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर ,इस रोग से लड़ने में काफी सहायक भूमिका निभा सकते है | जैसा की हमने कई बार बता चुके है कि हमारे विश्व स्तरीय एलो वेरा जेल और साथ में लाइसियम प्लस पूरकों में सफ़ेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को प्रोत्साहन करने की योग्यता है | एलो वेरा जेल पौष्टिक है,आत्मसात्करण को सुधारता है और कोशिकाओं को नवजीवन प्रदान करने की क्षमता है |
एच आई वी वायरस की वृद्धि और उसे कोशिकाओं के साथ जुड़ने से रोकने में कुछ फल ज्यादा कारगर साबित हुआ है जैसे अनार,मैन्गोस्टइन ,स्ट्राबेरी ,ब्लूबेरी ,ब्लेकबेरी आदि | और ये सब गुण से संपन्न है हमारा उत्पाद जिसका नाम है पोमेसटीइन पावर जो जबरदस्त एंटी-ओक्सिडेंट होने के कारण फ्री रेडिकल से नुक्सान को काफी हद तक कम कर सकते है ,जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रोत्साहन मिलता है जिसके फलस्वरूप रोगी के सामान्य स्वास्थय में सुधार आने लगता है |
कंडोम का इस्तेमाल और साथ में दोनों पार्टनरों की जननेन्द्रियों में एलो जेली लगा लेने से संक्रमण को कम किए जा सकते है |
रोगीओं को अपने आवश्यक पोषाहार के लिए पूरकों का इस्तेमाल करना हितकर होगा | उर्जाकारी पूरक के लिए बी-पोलेन और न्यूट्रीसन सेक लिया जा सकता है चुकी प्रभावित ब्यक्ति कई बीमारियों और हताशा के कारण ठीक से खाना नहीं खाते |
एच आई वी वायरस / एड्स के इलाज़ के लिए अब तक कोई दवाई नहीं ढूंढा जा सका है | ऐसा माना जाता है कि अगर वायरस कि तीव्र गति पर अंकुश लगाया जा सके तो एड्स में परिवर्तन होने के समय को बढाया जा सकता है | पोषक पूरक जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने और रोगी को जीवन काल बढाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है |
ये आंकडा अपने आप में भयावह है की प्रत्येक 24 घंटे में 8,000 लोग इस हत्यारी एच आई वी / एड्स के वजह से मर रहे है | वैसे इस असाध्य ,हत्यारी बीमारी का इलाज़ ढूंढने के लिए आजकल ब्यापक शोधकार्य चल रहा है |
इसिलए रोगी अगर प्राकृतिक पोषक आहार लेकर थोड़े लम्बे अरसे तक जीवन जी सके और इसी बीच कोई सकारात्मक नतीजे आ जाएँ , तो इसका फायदा उन्हें मिल सकेगा |पर आपको इस रोग से लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए | और साथ में कुछ विश्व स्तरीय उत्पाद है जो प्रभावित ब्यक्ति को इस्तेमाल करना चाहिए :-
1. Aloevera Gel - :- निरोधक क्षमता को बढाने के लिए,कोशिकाओं को नवजीवन,
2. Pomestin Power :- जबरदस्त एंटी- ओक्सिडेंट ,एच आई वी कोशिकाओं के वृद्धि में कमी करना |
3. Lycium Plus :- शक्तिशाली एंटी-ओक्सिडेंट ,सफ़ेद रक्त कोशिकाओं में वृद्धि
4. Bee Pollen :- उर्जाकारक, विटामिनो तथा प्रोटीन से भरपूर |
5. Royal Gelly :- विटामिन -बी और बी-12 से भरपूर तनाव दबाब में कमी और अच्छे अहसास में वृद्धि , रोग की बढ़ने को धीमी कर सकता है |
6. Artic sea :- निरोधक कार्यकलाप में सुधार,एड्स के वजह से मांसपेशियों में होने वाली पतनशीलता को घटाता है |
7 Nature Min :- जिंक और तम्बा प्रदान करती है ,जो निरोधक प्रणाली तथा वजन बरकरार रखने में मदद करती है | जिंक खासकर न्युमोनिया और फंगल प्रभावों से लड़ने में सहायता करता है ,जिसके शिकार एड्स के रोगी आमतौर से हो जाता है |
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ज्ञान दर्पण
ताऊ .इन
1 comments
बहुत ही महत्त्वपूरण जानकारी |
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