
मैं वैवाहिक कार्यक्रम में अपने पैत्रिक गाँव आया हुआ था | यहाँ पेड़-पौधों की भरमार है जिसमे फलों का राजा कहे जाने वाले वृक्ष जिसका नाम है "आम" की बहुतायत है | वृक्ष फल से लदे हुए है | बहुत दिनों के पश्चात् मुझे अवशर मिला पके हुए पेड़ का आम के स्वाद लेने का | यहाँ आज कल खाने में पके हुए आम जम कर खाए जा रहे है | आम के फल ज्यादा फलने से यहाँ इसका दाम बहुत ही न्यूनतम स्तर पर है , जी हाँ लंगड़ा जैसे आम भी यहाँ ३ से ५ रुपैये किलो मिल जाता है |आज चलिए इसी वृक्ष और इसके फल के औषधि गुण के बारे में चर्चा करते है :-आम का वैज्ञानिक नाम अंबज और फारसी में...

आधुनिक युग में सुन्दरता मात्र चेहरे तक सिमित नहीं रहा है | चेहरे में चाहे कोई विशेष आकर्षक हो न हो पर शरीर छरहरा होना चाहिए | तभी वास्तव में उस व्यक्ति को चुस्त व दुरुस्त माना जाता है | जहाँ एक ओर शरीर के अंगों को सही आकार एवं सुन्दरता प्रदान करने के लिए चर्बी का होना आवश्यक है, वहीँ दूसरी ओर चर्बी जब जरुरत से ज्यादा एकत्रित होने लगती है, तो शरीर बदसूरत नजर आने लगता है | वैसे भी मोटापा अनेक बीमारियाँ की जड़ है, एवं कई असाध्य रोगों के जनक भी होते है | यदि तन स्वस्थ्य रहे तो अपने-आप ही चेहरे पर नूर झलकता है | मोटापा सुन्दरता का दुश्मन है, विशेषकर...
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सतेन्दर सिंह राँची निवासी पेशे से स्वास्थ्य विभाग में कुष्ठ रोग के डॉक्टर है | मेरी मुलाकात सर्वप्रथम अंतरजाल के माध्यम से हुआ | उन्होंने सारे खर्च राँची आने-जाने का दिया | मैंने अपने कार्यालय से छुट्टी ली और उनसे मुलाकात के लिए निकल पड़े | अगले दिन ही सुबह-सुबह उनके यहाँ पहुँच गया |बातचित से पता चला की उनका दोनों किडनी ख़राब हो चुकी है | जाँच में अपनी पत्नी की किडनी ( गुर्दा )मैच नहीं हो पाई | फ़िलहाल उनकी जिन्दगी डाइलिसिस के सहारे चल रही है, लेकिन महंगी प्रक्रिया होने के कारण उसकी सारी जमा पूंजी लगभग समाप्त हो चुकी है | उनके ऊपर पुरे परिवार की...

वर्चस्व की लड़ाई हमेशा से इस संसार में प्रत्येक परिवार, समाज और देश में गुण-अवगुण, अच्छाई-बुराई के साथ-साथ चलती है और जबतक मानवजाति का अस्तित्व रहेगा, ये साथ-साथ ही रहेंगे |अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए गुणों पर बार करने में लगा रहता है, अच्छाइयों को समाप्त करने की कोशिश करता है पर अंततः जीत हमेशा अच्छाई की ही होती है |बुराई के अनेक स्वरुप है, इनमे से सबसे विनाशकारी स्वरुप है घमंड | घमंड एक ऐसी बुराई है जो मनुष्य के अन्दर के हजारों अच्छाइयों को दबा देता है | उनके द्वारा किया गया प्रत्येक क्रिया-कलाप में घमंड की छाया साफ़ तौर से देखी जा सकती है...

आज एक बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी समाचार पत्र के माध्यम से जानने का अवसर मिला | दरअसल सुबह-सुबह कार्यालय के काम से फरीदाबाद गया था |एक मित्र ने जाते ही मुझे कहने लगा- रामबाबू जी आपके लिए आज एक बहुत ही खास खबर है, और इसके बारे में लोगों को जरुर जानकारी दें | उसके बाद उसने मुझे दैनिक जागरण का समाचार पत्र सामने रख दिया | शीर्षक देखकर एक बार मन में बेचैनी सी आ गई और मैं अपना कार्य को स्थगन कर तुरंत अपने घर वापस आ गया | रसोई घर में सबसे पहले मैं रसोई गैस सिलेंडर का निरक्षण किया फिर जाकर दिल को तसल्ली मिली | शीर्षक था " सावधान, आपके घर में बम तो नहीं...

पारम्परिक चिकित्सा पद्धति और आयुर्वेद में अदरक का प्रचलन बतौर औषधि प्राचीन कल से होता आ रहा है | अदरक को आयुर्वेद में महाऔषधि कहा जाता है | इसका वानस्पतिक नाम जिंजिबर ऑफिसिनेल है | अदरक को अंग्रेजी में " जिंजर " कहते है | हिंदी में आदि, अदरक, सोंठ कहते है | यह आद्र अवस्था में अदरक तथा सुखी अवस्था में सोंठ कहलाता है | ताजी अदरक में 81% जल, 2.5% प्रोटीन, 1% वसा, 2.5% रेसे और 13% कार्बोहायड्रेट होता है | इसके अतिरिक्त इसमें आयरन, कैल्सियम लौह फास्फेट आयोडीन क्लोरिन खनिज लवण तथा विटामिन भी प्रयाप्त मात्र में होता है |अदरक के सेवन से अपच, गैस दूर करने,...

भोजन शरीर की एक ऐसी आवश्यकता है जिसके द्वारा शरीर को प्रयाप्त पोषण मिलता है और व्यक्ति अपनी आयु को सुखपूर्वक भोग करता है | पहले के समस्त आहार शरीर, आयु एवं मौसम की अनुकूलता की ध्यान में रखते हुए लिये जाते थे , परिणामस्वरूप व्यक्ति स्वस्थ्य रहता था | अच्छी निद्रा लेता था और लम्बी आयु भोगता था |
कालांतर में शरीरिक क्षमता, समय तथा मौसम के बारे में चेतना विलुप्त होने लगी और मुँह का स्वाद बढ़ता गया | इसका परिणाम यह निकला की कब, कैसे, क्या और कितना खाना चाहिए, इसके बारे में सोच-विचार बंद हो गया | जब चाहा और मनचाहा खाना खाने की प्रवृति बढ़ने लगी तो...
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वैज्ञानिकों एवं चिकित्साशास्त्रियों ने विभिन्न प्रकार के अनुसंधानों से यह निश्चित रूप से पुष्टि कर दिया है की मनुष्य के शरीर की रचना एवं शरीर के विभिन्न अंग जैसे मुंह, दाँत, हाथों की अंगुलियाँ, नाख़ून एवं पाचन तंत्र की बनावट के अनुसार वह एक शाकाहारी प्राणी है | मनुष्य का शरीर, शरीर के विभिन्न अंग एवं पाचन प्रणाली मांसाहारी प्राणियों जैसी नहीं है | भारत ही नहीं, अपितु दुनिया के सारे प्राणी यह मानाने लगा है की शाकाहार ही मनुष्य की प्रकृति और उसके शरीर तंत्र की अन्दुरुनी एवं बहरी संरचना के सर्वथा अनुकूल है | अमेरिकी प्रसिद्ध बिजनेस पत्रिका फार्ब्स...
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उपवास हमारे जीवन के लिए बहुत ही खास होता है | पहले के अपेक्षा आज कल ये प्रचलन बहुत कम होता जा रहा है | परन्तु आयुर्वेद एवं अध्यात्म दोनों ही दृष्टिकोण से उपवास की महता बताई गई है | शारीरिक स्वस्थ्य व मानसिक स्वस्थ्य के लिए यह अत्यंत आवश्यक है | शरीर के अन्दुरुनी भाग के सफाई के लिए उपवास एक सरल प्राकृतिक क्रिया है | इससे शरीर को आराम भी मिलता है |जैसे यांत्रिक मशीन हो या कोई भी मशीन सप्ताह में एक बार उनकी साफ-सफाई बेहद जरुरी है, अन्यथा असमय ही धोखा दे सकती है |ठीक उसी प्रकार, शरीर रूपी मशीन की साफ-सफाई भी नितांत आवश्यक है अन्यथा हम तरह-तरह के रोगों...