
जैसे जैसे मौसम का मिजाज बदल रहा है वैसे ही लोगो में परेशानियाँ शुरू होने लगी है | एक तो ठंढ वैसे भी अपने साथ बहुत सारी समस्याएं लेकर आती है जैसे सर्दी-जुकाम,एलर्जी आदि और सबसे बड़ी समस्या उनके साथ होती है जो की साँस की बिमारी से ग्रसित होते है | उनके लिए ये मौसम बहुत ही कष्टदायक होता है | दर्द चाहे नए हो या पुराने इस मौसम में और भी ज्यादा उभर आती है | आज चर्चा करते है दमा के बारे में जो खासकर कड़ाके की ठंढ में बहुत ही ज्यादा घातक सिद्ध होता है | दमा ( Asthma ) एक साँस की बिमारी है | इस बिमारी में श्वसन नलिका संकुचित हो जाती है जिससे प्रभावित व्यक्ति...

रामायण में एक अंश मुझे याद आ रहा है जब सुखेन वैद्य ने लक्ष्मण जी का प्राण बचाने के लिए संजीवनी बूटी लाने को कहा - जिससे प्रभु लक्ष्मण का प्राण बचाया गया था | वैसे तो संजीवनी बूटी का नाम सिर्फ सुना ही है किसीने शायद ही देखा हो | चुकी संजीवनी बूटी लाने के समय में स्वयं हनुमान जी भी दुबिधा में पड़ गए थे | जैसा की वैद्य ने कहा था की जिस बूटी के निचे दीपक जल रहा होगा वही असल में संजीवनी बूटी होगा | परन्तु जब हनुमान जी धवलागिरी पर्वत पर गए तो वो आश्चर्यचकित हो गए | उन्होंने देखा यहाँ तो प्रत्येक बूटी के पास दीपक जल रहे है |फिर उन्होंने सम्पूर्ण पहाड़...
आजकल यह कहना अतिशयोक्ति होगी की आयु पर हम विजय पा सकते है | प्राणी की कब मृत्यु हो जाय, कुछ कहा नहीं जा सकता है | हर क्षण मृत्यु के करीब जा रहे प्राणी की आयु शरद ऋतु के बादल के सामान स्वल्प है, यह तो बुझते हुए लौ की दीपक के समान चंचल है, जो गई हुई देखी जाती है |सबाल यह नहीं है की आपकी कितनी आयु है पर जितनी भी आयु आप जिए वह सुखकर हो, दिन-हिन् और रोगी बनकर जीना बहुत ही कष्ट देता है | मृत्यु के श्रीजन्हार असंख्य रोगों को शरीर में समा देते है और उसे कष्ट दे-देकर मारने की जुगत में लगे रहते है | ज्यादातर रोग हमारी खुद की गलतियों के परिणाम होते है |...

सच्ची बात तो यह है की अगर ये खाकी और खादी वर्दीधारी सुधर जाए तो देश स्वतः सुधर जाएगा | सोमबार रात की घटना जो दिल्ली वालों को दिल दहला दिया | बात लक्ष्मी नगर के पास ललीता पार्क की है | सोमबार रात के 8 बजे पाँच मंजिला इमारत मलबे के ढेर में तब्दील हो गया ! कोई नहीं जानता की कब क्या हो जाए ? किसी ने कभी सोचा भी नहीं होगा की इस कदर ये पाँच मंजिला इमारत रेत की तरह भरभरा के गिर पड़ेंगे ? सरकारी आंकड़ा के अनुसार अब तक इस हादशा में करीब 70 व्यक्ति ने अपनी जान गवां दी है |शक्तिशाली भारत को एक ओर जहाँ पड़ोसियों ने कमजोर करने की कोशिस किया, वहीँ हमारे अपने...

आइये कल की चर्चा को एक बार फिर से आगे बढाते हुए, शुरुआत करते है मधुमेही का क्या आहार होना चाहिए और क्या नहीं ? चुकी एक ओर जहाँ दुनिया भर में इस रोग से करोड़ों लोग मुश्किल में फंसे हुए है तो दूसरी ओर इस रोग का स्थायी इलाज अभी तक नहीं मिल पाने के कारण दुनिया भर के चिकित्सा विशेषग्य हैरान परेशान है | मधुमेह के नाम से मशहूर यह रोग वास्तव में 'मधुमेह' न होकर 'विपतियों का मेह' बना हुआ है | इस रोग से जुड़े हर पहलुओं पर चर्चा हमेशा किसी न किसी प्रकार से की जाती रही है | परन्तु आज उस पहलु पर चर्चा करने जा रहे है जिससे आम मधुमेही को विशेष जानकारी नहीं होती...

रोगों की उपस्थिति कोई नई बात नहीं है, प्राचीन से अर्वाचीन कल तक हर युग में रोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराती रही है | बल्कि यह कहना यथार्थ होगा की मनुष्य के उद्भव से पहले रोगों ने अपनी जड़े जमा चुके थे | खोजों से यह पता चला है की रोग फ़ैलाने वाले कुख्यात मच्छड विश्व रंगमंच पर मनुष्य के आगमन से पहले ही आ गए थे | जाहिर सी बात है जब इसका अस्तित्व प्राचीन काल से है तो हर युग -हर काल में मनुष्य इनसे पीड़ित रहा है |लेकिन वर्तमान में रोगों की व्यापकता जनमानस को त्रस्त कर रखा है | अधिकांस व्यक्ति आज कल किसी न किसी रोग से घिरे नजर आते है | कई रोग तो प्रयाप्त...

हिन्दू रीतिरिवाज के अनुसार, त्यौहार या ख़ुशी के अवसर पर मिठाई न बांटे तो खुशियाँ अधूरी माना जाता है | चाहे अवसर हो, शादी-विवाह का, जन्म-दिन या कोई पर्व मिठाई हमारी प्राथमिकता होती है | वगैर इसके तो कई अनुष्ठान संभव ही नहीं हो सकता है | पर क्या वर्तमान में जिस तरह से मिठाई को लेकर तरह तरह की भ्रान्तियां और रोज समाचार पत्र में मिलावट खोरो की चर्चा ,क्या लगता है की मिठाई खाना या बाँटना चाहिए ?शायद नहीं पिछले साल की बात है मेरे कार्यालय में उपहार स्वरूप मिठाइयाँ बांटा गया था | लोगों ने जमकर खाया और अपने-अपने घर को भी ले गए थे | परिणाम बहुत भी भयावह...

माँ लक्ष्मी पूजन की तैयारी में आज कल लोग ज्यादा व्यस्त है | जहाँ तक निगाहें जाती है , घर में कुछ न कुछ काम, साफ़-सफाई, रंगाई, सजावट इत्यादि चलता देखा जा रहा है | भला हो भी क्यूँ न साल में एक बार तो ऐसे अवसर आते है जब घर के कोने-कोने तक चमकाए जाते है | दरअसल माता लक्ष्मी की स्वागत का मसला है भाई, और जहाँ सफाई है वहां माँ लक्ष्मी की निवास तो जरुर होगी |
अतः मैंने भी अपने घर के कोने कोने को नए रूप और रंग देने में लगा था | आखिर कुछ ही दिनों के बाद जो दीवाली आ रही है | साफ़-सफाई के वजह से घर के सामान अस्त व्यस्त था परन्तु आज कुछ सामान्य सा लग रहा है,...

एक बार फिर से एलोवेरा के सम्बन्ध में जानकारी लेकर उपस्थित हो रहा हूँ | दरअसल अपने देश के विभिन्न प्रान्तों से इस उत्पाद के बारे में फोन आता रहता है | कुछ लोग घर के गमले में लगे एलो वेरा ( ग्वारपाठा) के बारे में जानना चाहते है की वो उसका जूस किस तरह से निकले और पियें | कुछ लोग उसे खाने और सब्जी बनाने के विधि पूछते है वगैरह वगैरह | तो मैंने सोचा क्यूँ नहीं आज इस पोस्ट के माध्यम से लोगों के मन की भ्रांतियां को दूर किया जाय ? तो पेश कर रहा हूँ कुछ अति विशिष्ट जानकारी जो हम सबके लिए बहुपयोगी है |क्या सामान्य और स्वस्थ्य लोगों को एलो जेल लेना चाहिए...

कार्टिलेज के निर्माण की प्रक्रिया में ग्लुकोसामिन एक महत्वपूर्ण तत्व है | यह एक सामान्य सी अमीनो शर्करा ( Amino Sugar ) होती है जो प्रोटोग्लाइकन ( Protoeoglycans ) बनाती है | ये प्रोटोग्लाइकन हमारे कार्टिलेज में लचीलापन लाते है | दर्द निबारक दवाएं और एस्प्रिन सिर्फ दर्द निबारक का कार्य करती है पर इसके विपरीत ग्लुकोसामिन कार्टिलेज को बनाने का काम करती है |दुनिया भर में रिसर्च के बाद पता चला की ग्लुकोसामिन लेने से न सिर्फ दर्द और सुजन से आराम होता है बल्कि कार्टिलेज को होने वाली नुकसान भी रुक जाती है | इससे भी उत्साहवर्धक बात यह सामने आई की जोड़ों...

विगत तिन दिन पहले यानि 12 अक्टूबर वर्ल्ड आर्थराइटिस दिवस के रूप में मनाया जाता है | आर्थराइटिस के नाम से मन में जोड़ों के दर्द के बारे में खौफनाक ख्याल उभरने लगते है | एक पुरानी कहावत के अनुसार आप दो चीजों पर पूरा भरोसा कर सकते है, ये आना लगभग तय है मतलब अवश्य आएँगी | एक जन्म और मृत्यु | पर वर्तमान मानसिक पटल पर एक और चीज चित्रित हो रही है जिन्हें अवश्य जोड़ देनी चाहिए जिसका नाम है "आर्थराइटिस" |वर्तमान में छोटे उम्र यहाँ तक की बच्चों में यह बिमारी बड़े पैमाने पर अपना पैठ बना लिया है | जबकि कुछ दशक पहले यह सिर्फ 50 के बाद ही जोड़ों में दर्द...

जय माता दी ! जय माता दी ! जय माता दी ! जय माता दी ! जय माता दी !आज नवरात्र का पहला दिन था | कार्यालय में भी माहौल भक्तिमय व पवित्र लग रहा था | एक दुसरे से नमस्कार और गुड मोर्निंग के वजाय " जय माता दी" कहकर दिन का शुरुआत किया | एक बात यह की ज्यादातर लोग आज उपवास में थे | कुछ पहला और आखिरी तो कुछ नौ दिन के लिए उपवास का संकल्प लिया हुआ था | मैं आपसे जो ख़ास बात करने जा रहा हु यह है उपवास के विधि विधान यानि तौर तरीका | उपवास के दौरान लोग का किस तरह का आहार विहार होना चाहिए और क्या आज के भक्त आहार में ले रहे है | आज यही चर्चा का विषय है |दरअसल समय...

सौन्दर्य या सुन्दरता वह बला है जिसका उपासक हर जीव है ,हर प्राणी है, सौन्दर्य प्रकृति से जुड़ा हुआ प्राकृतिक भी हो सकता है, और भौतिकता से जुड़ा हुआ भौतिक भी हो सकता है | यह सृष्टि प्राकृतिक सौन्दर्य की अदभुत मिशाल है और इस सृष्टी में रचित हर वस्तु सुन्दरता से परिपूर्ण है |व्रह्मा ने इस सृष्टि की रचना की और फिर इस सृष्टि के सृजन के लिए स्त्री-पुरुष दो प्राणियों ( नर-मादा) की रचना की, जिनका शारीरिक गठन,बोली अनायास ही अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता रखती है | जिस प्रकार ऋतुओं की सुन्दरता, हरियाली, वृक्षों में खिले हुए फूलों और फूलों से उठती मंद-मंद...

मानव शरीर इश्वर की आश्चर्यजनक -रहस्यमय रचना है | लेकिन यह मानव शरीर विभिन्न प्रकार के दुखों से भरा पड़ा है | उनमे से एक है गर्दन या कंधे में दर्द या कड़ापन | गर्दन का दर्द कोई जानलेवा बिमारी नहीं है परन्तु अत्यंत तकलीफ देह जरुर है | गर्दन की तीव्र वेदना और जकड़न के कारण रोगी अपना सर हिलाने-डुलाने में भी असमर्थ हो जाता है |आमतौर पर यह रोग 30 वर्ष की उम्र से शुरू होता है और 40 वर्ष की उम्र के लोगों को अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर देता है | 65 वर्ष के आसपास या उसके उपर तो दो तिहाई लोगों को किसी न किसी रूप में प्रभावित करता है |मेरुदंड यानि ( स्पाइनल...

रूप और सौन्दर्य दोनों ही मानव के अभीष्ट है | जिनकी ओर मनुष्य स्वाभावतः आकर्षित होता है, मुग्ध होता है | किन्तु उन सब साधनों व बातों से अनभिग्य रहता है की जो उसके रूप सौन्दर्य को स्थायित्व देते है, उसकी काया सदा जवान बनाए रखते है, सही मायने में वे साधन जो उनका कायाकल्प करते है | बढती हुई उम्र को वृद्धावस्था को पुनः यौवन की ओर ले जाते है |यदि वर्तमान युग की बात करे, तो युवक-युवतियां दोनों ही अपने सौन्दर्य व अपनी काया को सुन्दर कोमल-सुदृढ़ बनाए रखने में प्रयासरत तो है लेकिन मात्र कोस्मेटिक के सहारे जिसका कुछ ही समय बाद दुष्प्रभाव उजागर होने लगता है...

कार्यालय की व्यस्तता के वजह से आज मैं काफी दिनों के बाद आपके सामने आ रहा हूँ | मस्तिष्क में एक साथ कई विचारों का टकराव चल रहा है | एक तरफ ज्वलंत विषय जैसे राष्ट्रमंडल खेल तो दूसरी और जम्मू कश्मीर की समस्या | और भी कई ऐसे विचार मन में उभर के आ रहा है परन्तु सबसे खुसी की बात यह है की दुनिया भर की थुक्क्म पैजार और घोटाले पर घोटाले की खुलासे के बाद अंततः राष्ट्र की गौरव राष्ट्र मंडल खेल की शुरुआत होने जा रही है | राहत की बात यह भी है की हामारे यहाँ करीब करीब दुनिया के सारे खिलाड़ी आ रहे है, जो की पहले मना कर दिए थे |इन सब के लिए जिम्मेदार रहा अपने...

पेट में दर्द होना एक आम समस्या है ,जिससे लगभग सभी व्यक्तियों को जीवन में अनेक बार सामना करना पड़ता है | इनके कारण अनेक तथा अलग हो सकते है , किन्तु फिर भी पेट के किसी भी भाग में व स्थान में दर्द को सामान्यतः हम "पेट दर्द" के नाम से ही संबोधित करते है | तत्पश्चात यदि चिकित्सक के पास जाने की आवश्यकता पड़ जाय तो तो वो निदान कर के बताते है कि पेट दर्द किस कारण से हो रहा है और उसे फिर रोग विशेष का नाम देकर उपचार प्रारंभ करते है | जैसे की गेस्ट्राईटिस, हायपर एसिडिटी, अपेंडीसाईटिस, कोलाइटिस, या अल्सरेटिव कोलाइटिस इत्यादि | कई बार ऐसा देखा गया है कि अचानक...

एलो वेरा नेक्टर में है हमारे एलो वेरा जेल में पाए जाने वाले सभी पोषक घटक साथ ही, इसमें है क्रेनबेरी और एपल के अतिरिक्त पोषक गुण क्रेनबैरिज इतनी गुणकारी क्यों है? अपने मीठे स्वाद और मूत्रमार्ग को साफ करने के अपने अनोखे गुण के अलावा, क्रेनबैरिज में है विटामिन सी, यह पिक्नोजिनाल का भी एक उत्तम प्राकृतिक स्त्रोत है, जो ऐसा शक्तिशाली एंटीओक्सीडेंट है , जिसे कोलाजेन बनाए में सहायता मिलती है |कोलाजेन इतना महत्वपूर्ण क्यों है ?कोलाजेन का निर्माण शरीर के टिश्यु सैल्स, मसूड़ों,रक्तवाहिनियों,हड्डियों और दांतों के विकाश तथा मरम्मत के लिए अत्यावश्यक है | इतना...