आज कल घरेलु नुस्खे ज्यादा कारगर साबित हो रहे है | रोग चाहे जैसा भी हो प्रकृति प्रदत औषधि लोगों की पहली प्राथमिकता होने लगी है |आज मैं चर्चा करने जा रहा हूँ ------- जो सबसे फायदेमंद है ये फल भी है और औषधि भी, जिसका नाम है अनार | अनार जिसको राजसिक फल कहते है | वह जितना खाने में स्वादिष्ट मधुर , मीठा होता है अनार हर प्रकार के रोगों में दिया जाता है | अनार रस पीना अत्यधिक फायदेमंद है |
ह्रदय रोग में 'एथिरोस्क्लेरोसिस' एक ऐसा रोग है, जिसमे धमनियों में जमाव ( एथिरोमा) होने से धमनियों के दीवारे मोटी और कठोर हो जाती है ,जिससे धमनी का रास्ता संकरा हो जाता है | इसमें रक्त के बहाव में रूकावट आती है | धमनी में ब्लोक इतने जमा हो जाते है की रक्त-प्रवाह के लिए बहुत कम खाली जगह बचती है |
अनार धमनियों के अवरोध ( Blockage ) को खोलता है | यह तथ्य नवीनतम वैज्ञानिक खोजों से सिद्ध हो गया है | अनार रक्तवाहिनियों की आंतरिक लाइनिंग ( अस्तर ) को अच्छा बनाते हुए रक्तचाप ( Blood pressure ) को संतुलिती रखकर तथा एल.डी.एल.से होने वाली हानी से बचाकर ह्रदय और रक्तवाहिनियों को सुरक्षा प्रदान करता है |
धमनियों के अवरोधों को खोलने के लिए अनार का रस सदा सालों-साल 50 मिली, ( अध कप ) पियें | शुरुआत में एक बार, फिर तिन-बार पीते रहें या मीठे अनार खाते रहें |
अनार के सेवन से ब्लड सुगर, एल.डी.एल. या एच.डी.एल, कोलेस्ट्रोल लेबल पर भी कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता | ह्रदय, गुर्दे और यकृत के कार्यों में भी कोई दिक्कत नहीं आती |
ह्रदय की धड़कन को सुचारू रूप से चलने रहने ( नियंत्रित रहने हुतू ) १५ ग्राम अनार के ताजे पते बहूत बारीक पीसकर आधा गिलास पानी घोलकर छानकर पियें | अनार का शरवत नित्य पिने से लाभ होता है |
गर्भाशय का बाहर आना, क्रीमी होना, सोरायसिस, दाद, रक्तविकार :- इन समस्याओं में अनार के पते ४ किलोग्राम, ले कर | पानी में धोकर छाया मं सुखाकर पीसकर बारीक छान ले, इसकी एक चम्मच पानी में नित्य एक बार फंकी लेते रहना लाभप्रद है |
टी.बी. ( राजयक्ष्मा) :-- अनार का रस पिने से टी.बी. में भी लाभ होता है, इन्हें नित्य सेवन करना चाहिए |
स्तन विकास एवं कठोरता :- 200 ग्राम तिल के तेल में अनार के पतों का रस एक किलो मिलाकर उबाले | उबालने पर जब तेल ही बचे तब ठंढा करके छानकर बोतल में भर ले | नित्य सोते समय इस तेल से स्तनों की मालिश दबाब देकर करें | इसके साथ एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण गर्म धुध से सुबह-शाम लें | स्तन सुदृढ़ एवं बड़े हो जायेंगे |
सौन्दर्यवर्धक :- अनार के छिलके को सुखाकर बारीक पौडर बनाकर गुलाब जल के साथ मिलाकर उबटन की तरह लगाने से त्वचा के दाग,चेहरे की झाइयाँ भी नष्ट हो जाती है | अनार का रस त्वचा पर लगाने से त्वचा सुन्दर,स्वस्थ्य और जवान बनी रहती है | अनार छीलकर दाने निकलकर, सामान मात्रा में पपीते के गुदे में मिलाकर बारीक पीसकर चेहरे पर लेप करके आधे घंटे बाद धोएं |
अनार का सेवन नियमित करें और बढती उम्र के प्रभावों से बचें |
गर्भावस्था में उल्टियाँ :- गर्भावस्था में अनार खाएं, अनार का शर्बत पीयें, उल्टियाँ बंद हो जाएगी | प्रातः काल अनार का रस पिने से उलटी नहीं आती |
मोटापा :--- अनार रक्तवर्धक है इससे त्वचा चिकनी बनती है | रक्त का संचार बढ़ता है | यह शरीर मोटा करता है | अनार मूर्च्छा में, हाइपर टेंसन
,अम्लपित,एसिडिटी,मूत्र जलन, उलटी, जी-मचलना, खट्टी-डकारें, घबराहट, प्यास आदि में लाभप्रद है |
प्रतिदिन मीठा अनार खाने से पेट मुलायम रहता है तथा कामेन्द्रियों को बल मिलता है |
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अरे.. दगाबाज थारी बतियाँ कह दूंगी !
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