हमारे राष्ट्रध्वज के तीनो ही रंग हम सब के लिए प्रेरणा के प्रतिक है | स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर तिरंगे के रंगों के जरिये दर्शाया जाता है , हमारे लोकतंत्र, न्याय और खुशहाली का | प्रगति पथ पर हमारा देश सदा अग्रसर रहे यही हमारी शुभकामाएं होगी |
वो एक स्लोगन जो अकसर टेलीविजन और समाचार पात्र में देखने व सुनने को मिल जाता है " प्राउड टू बी इंडियन " | खुद को भारतीय होने में गर्वान्वित होनी चाहिए | भला हो भी क्यूँ न ? परन्तु इसमें क्या खास बात है, अपने देश में रहने वाले के दृष्टिकोण से वो देश उनके लिए महान है और होनी भी चाहिए |
परन्तु खास बात यह है की अपना देश भारत ही पूरी दुनिया में अकेली देश है जहाँ विविधताओं में एकता है | धर्म , क्षेत्र, भाषा, जाती और संस्कार आदि के सन्दर्भों में हमारे देश में जो विविधता नजर आती है, शायद ही किसी और देश में देखने को मिले | इन्हीं विविधताओं के वजह से हमारा देश अनेकता में एकता के जनक के रूप में जाना जाता है |
भौगोलिक दृष्टिकोण से भी हमारे देश में उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूरब से लेकर पश्चिम तक में इतने परिवर्तन है की कहीं पहाड़ , तो कहीं पठाड, तो कहीं रेतीली तो कहीं जमीनी, यहाँ तक की एक प्रान्त से दुसरे प्रान्त तक पहुँचते ही मौसम भी बदल जाती है जैसे कहीं बहुत ज्यादा गर्मी है, तो कहीं बहुत ज्यादा ठंढ ,तो कहीं बरसात तो कहीं सूखाग्रस्त | अतः जमीनी विविधताओं के कारण भारत में मौसम सम्बन्धी अंतर भी दुसरे देशों से अलग बनाते है |
मौसम की इस विविधता के कारण मनुष्य के शारीरिक बनावट में भी काफी अंतर होता है | ऊँचे-ऊँचे पहाड़ पर रहने वाले लोग अकसर छोटे कद-काठी के होते है ,तो ज्यादा गर्मी झेलने वाले पूर्व और दक्षिण क्षेत्र के लोगों का रंग काला होता है तो ठन्डे प्रदेश के लोग लम्बे और ज्यादा गेहुआ यानि गोरे-गोरे होते है |
मौसम के आधार पर पहनावा भी एक प्रान्त से दूसरी प्रान्त का अलग नजर आता है | अगर पंजाब और जम्मू कश्मीर के तरफ जाए तो वहां के औरते शलवार और कमीज व पुरुष पठानी सूट पहनते है वहीँ मध्य उतर दक्षिण भारतीय महिला साड़ी को ज्यादा तबज्जो देती है और पुरुष धोती व कुर्ता को ज्यादा पसंद करते है |
पहनावे के बाद अब खान-पान को ही लीजिये तो इसमें भी बहुत तरह के व्यंजन है जो प्रान्त के अनुरूप बताना बड़ा ही मुश्किल है | दुनिया के जितने प्रकार के व्यंजन बनते होंगे इससे कहीं ज्यादा प्रकार के व्यंजन अकेले हमारे यहाँ बनते है | हमारे देश के अनोखी बात यह है की यहाँ के हर एक प्रान्त का खाना वहां के जाती धर्म और भौगोलिक संरचना से जुड़ा हुआ है |
हमारे देश की एक और अनोखी बात है की अपने-अपने धर्मो के अनुरूप पूजा अनुष्ठान करते है कोई कभी भी अपनी मान्यताओं या रिवाजों को अन्य पर थोपने की कोशिस नहीं करते है | भारत में दुनिया के तमाम धर्म,जाती के मानने वाले लोग यहाँ के नागरिक के रूप में रह रहें है |
संयुक्त राष्ट्र के सूचि में अबतक 5036 भाषा की मान्यता है जिसमे 4 हजार से भी ज्यादा अपने देश भारत में अकेले बोली जाती है | इससे बड़ा गवाही और क्या हो सकता है - भाषा, रंग-रूप, आहार- विचार , व्यवहार हर मामले में हम दुनिया से अलग है , जो हमें औरों से हटकर नजर आती है और यही विविद्ता हमारे भारतीय होने की निशानी है |
हमारे देश ही एक मात्र ऐसा देश है जहाँ प्रेम को परमात्मा के तुल्य माना जाता है | एक तरफ चमत्कारों को अंजाम देने वाला ताकतवर देवता हमारे आराध्य है तो दूसरी ओर प्रेम क्रीडा करने वाले कन्हैया को अपना भगवन माना है |
इसे हमारे देश की महानता ही कहेंगे जहाँ मंदिर और मस्जिद आस-पास बनाए जाते है और जहाँ ईद में हिन्दू सेवैयाँ खाते है ,तो होली में मुसलमान भाई गुजिया | अतः जो व्यक्ति ऐसे मौसम, माहौल और लोकतंत्र में रहता है जो अनेकता में एकता है , उन्हें दुनिया की किसी भी कोने के अपने आप को स्थापित करने में कठिनाई नहीं होगी | और वो स्वतः ही दुनिया में सर्वश्रेष्ठ कहलाने योग्य बन सकता है |
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3 comments
बढ़िया लेख
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
उठे जहाँ भी घोष शांति का, भारत, स्वर तेरा है....(जय भारत.)
प्रथम स्वतंत्रता दिवस से जुडी कुछ दुर्लभतम तस्वीरें तथा विडियो
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.
सादर
समीर लाल
हमारे राष्ट्रध्वज के तीनो ही रंग हम सब के लिए प्रेरणा के प्रतिक है | स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर तिरंगे के रंगों के जरिये दर्शाया जाता है , हमारे लोकतंत्र, न्याय और खुशहाली का | प्रगति पथ पर हमारा देश सदा अग्रसर रहे यही हमारी शुभकामाएं होगी |
आज़ादी के बहाने बढया प्रस्तुति !
अंग्रेजों से प्राप्त मुक्ति-पर्व ..मुबारक हो!
समय हो तो एक नज़र यहाँ भी:
आज शहीदों ने तुमको अहले वतन ललकारा : अज़ीमउल्लाह ख़ान जिन्होंने पहला झंडा गीत लिखा http://hamzabaan.blogspot.com/2010/08/blog-post_14.html
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