
हमारे देश में जिस रफ़्तार से कीटनाशक दवाओं का प्रयोग बढ़ता जा रहा है, वह एक बहुत बड़ी चिंता का विषय है | फसल की उपज को कीड़ों की मार से बचाने के लिए खेतों में अँधा-धुंध जहर छिडकने का प्रचलन में किसान भाई एक दुसरे को पछाड़ने में लगे हुए है |
यह जानकार आप भी अचम्भित हो जायेंगे की अगर कोई व्यक्ति पाँच वर्ष लगातार बैगन अथवा भिन्डी का सेवन अपने आहार में कर ले तो वो निश्चित तौर पर दमा का मरीज बन सकता है | यहाँ तक की उसकी श्वास नलिका बंद हो सकती है |
दरअसल बैगन को तोड़ने के बाद उनकी चमक को कायम रखने के लिए उन्हें फोलिडन नामक कीटनाशक के घोल में डुबाया...

आज हर कोई सुख पाना चाहता है | सुख ऐसा लक्ष्य है जो जीवन के पलपल में समाहित है | दुसरे जीव इसे सरलता से प्राप्त कर लेते है परन्तु इंसान इस के लिए वैसे ही भटकता रहता है जैसे कस्तूरी के लिए मृग !प्रकृति प्रदत फूलों की सुगंध स्वाभाविक रूप से खिलने के बाद आता है |
मनुष्य जीवन में सुख भी अगर स्वाभाविक रूप से हो तो उसका आनंद आएगा लेकिन जैसे-जैसे जीवन की स्वाभाविकता खोते जाते है , जीवन को कृत्रिम और अप्राकृतिक बनाते जाते है, वैसे वैसे जीवन से सुख का एहसास लुप्त होते जाते है |अतः जीवन को स्वाभाविक रूप से फूलों की तरह खिलने दें तो सुखानंद की अनुभूति स्वतः...

पौष्टिक और विभिन्न खाद्य पदार्थों वाला संतुलित आहार अच्छी सेहत को प्रोत्साहन देने के लिए महत्वपूर्ण है | क्यूँ न हो? हम जैसा खाते है वैसे ही तो बनते है- शोध लगातार बता रहे है की अच्छा आहार खाने से अच्छी सेहत को बढ़ावा मिलता है और अपौष्टिक आहार से शरीर रोगी बनता है | खाद्य सामग्रियों में हमारे शरीर की चयापचय क्रियाओं के लिए सहायक महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते है | लेकिन, इन पोषक तत्वों को खाने की कमी या गलत प्रकार का भोजन खाने से शरीर में विषैले पदार्थ जमा होने लगते है, जिसकी वजह से दीर्घ अवधि में गंभीर रोग हो जाते है |अच्छी सेहत अच्छी पौष्टिक से...

पालक का पौधा अपने देश के प्रायः सभी प्रान्तों में सुलभता व सस्ते में मिल जाता है | इनमे जो गुण है वैसा और किसी शाक में नहीं होता है | ज्यादातर यह शीत ऋतू में पाया जाता है परन्तु कहीं कहीं किसी और ऋतू में भी इनकी खेती की जाती है स्वाभाव से यह पाचक, तर और ठंढी होती है | पालक में दालचीनी डालने से इसकी ठंढी प्रकृति बदल जाती है | पालक को पकाने से इसके गुण नष्ट नहीं होते है | इनके गुण और लाभ है :- पालक में विटामिन ए,बी,सी, लोहा, कैल्सियम, अमीनो अम्ल तथा फोलिक अम्ल प्रचुर मात्रा में पाया जाता है | कच्चा पालक खाने में कडवा और खारा लगता है, परन्तु बहुत...

" बहना ने भाई की कलाई में प्यार बांधा है, प्यार के डोर से संसार बांधा है | रेशम के डोरी से , रेशम की डोरी से संसार बाँधा है ||कल का दिन यानि रक्ष बंधन आप सबको बहुत बहुत बधाई | "रक्षा बंधन" का दिन हम सब भारत वाशियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन होता है | जहाँ हमारी बहने हमारे लिए शुभकामना के लिए इश्वर से प्रार्थना करती है वहीँ हम अपने बहन के सुख, शांति व रक्षा के लिए बचनबद्ध होते है |परन्तु आज कल के व्यस्त जीवनशैली में लगता है त्यौहार का भी रूप रेखा बदल गया है | एहसास जो होता था की कल त्यौहार है उसकी तयारी कई दिन पहले ही शुरू हो जाती थी,परन्तु...

कुछ लोगों का ख्याल है की मधुमेह के रोगियों को कोई भी फल नहीं खाना चाहिए | दरअसल, मधुमेह के रोगियों को रेशेदार फल, जैसे तरबूज, खरबूजा,पपीता और स्ट्राबेरी आदि खाने चाहिए | इन फलों से रक्त शर्करा स्तर नियंत्रित होता है | अपने कम ग्लैसेमिक सूचकांक के कारण इन फलों से धीरे-धीरे शर्करा स्तर बढ़ता है और इससे मधुमेह के रोगियों को काफी लाभ होता है | मौसमी भी बहुत फायदेमंद है क्योकि इसमें मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत सारे खनिज और विटामिन होते है | मधुमेह के रोगियों को फलों का रस नहीं पीना चाहिए क्योंकि इसमें चीनी या चीनी से बनी चाशनी मिलाई जाती है | इसके...

कैंसर की बिमारी उस समय होती है जब शरीर की कोशिकाएं अनियंत्रित हो जाती है | अनुपयुक्त जीवनशैली व भोजन को कैंसर के 60 प्रतिशत मामलो के लिए जिम्मेदार माना जाता है | धुम्रपान,एक्सरे का अत्यधिक रेडीएशन, सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों का दुष्प्रभाव, रसायन, अनुपयुक्त भोजन, संदुष्ण,कुछ हरमों और विरासत में मिली जिन विकृतियाँ कैंसर का कारण बन जाती है |
अनियंत्रित असामान्य कोशिका वृद्धि कैंसर पैदा कर देती है और तब ये असामान्य कोशिकाएं बड़ी तेजी से बढ़कर प्रतिरोधक प्रणाली पर हावी हो जाती है | नतीजतन कैंसर जिस्म के दुसरे हिस्से में फ़ैल जाता है |
वर्धन (...

चलिए फिर से आपको मैं अर्जुन वृक्ष की छाल के औषधि गुण के बारे में चर्चा करते है - किस प्रकार से मानव जाती के लिए बहुपयोगी औषधि है |अर्जुन वृक्ष की छाल ह्रदय के लिए है ही बेहतर , इसके सेवन से ह्रदय के मांसपेशियों को मजबूती मिलता है और इसके आलावा यह शक्तिवर्धक, रक्त स्तम्भक एवं प्रमेह नाशक भी है | यह नाडी की क्षीणता में वृद्धि, पुराणी खांसी, श्वास आदि विकारों में भी हितकर है | इसे मोटापे को रोकने वाला तथा हड्डियों के टूटने पर उस अंग की हड्डी को स्थिर करके रक्त संचार को सामान्य रूप से चालू करके हड्डियों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला पाया...

अर्जुन- इसे लोग धवल,ककुभ तथा नदीसर्ज ( नदी-नालों के तट पर होने के वजह ) भी कहा जाता है | साधारण बोलचाल की भाषा में इसे कहुआ तथा सादड़ों नाम से जाना जाता है | यह एक सदाबहार वृक्ष है जिसे अलग-अलग भाषा व प्रान्त में अलग-अलग नाम से जाने जाते है जैसे- संस्कृत में - ककुभ,हिंदी में - अर्जुन,बंगला में-अर्जुन गाछ,तेलगु में- तेल्लमदिद, कन्नड़ में मदिद, तेलगु में- तेल्लमदिद, तमिल में -मरुदमरभ या बेल्म, अंग्रेजी में - अर्जुन वृक्ष कहा जाता है | वानस्पति नाम टर्मिनेलिया अर्जुन है | अपने देश के लगभग प्रत्येक प्रान्त में पाया जाता है , खास कर बिहार, उतर प्रदेश,...

आधुनिक जीवनशैली में स्वस्थ्य व सेहतमंद किस तरह से रहा जा सकता है ? कैसे रखे अपने आपको चुस्त और दुरुस्त ?
जबकि आज हम सब एक मानव मशीन की तरह दिन-रात काम में व्यस्त रहते है | दिन में आराम की बात छोडिये यहाँ रात को भी करबटें बदलते बीत जाते है | मानसिक परेशानी का ऐसा सबब है की रात बगैर नींद की गोली से आराम करना कुछ लोगों के लिए मुश्किल हो जाती है | आखिर क्या है यह ? और क्यूँ बेचैन है ?
इन सबका कारण है मनुष्य भौतिक सुख की प्राप्ति के लिए शारीरिक सुख दाव पर लगाए हुए है | जबकि आज के समय में हम सब में आर्थिक रूप से बहुत कुछ पा लिया है परन्तु शारीरिक...

कल 15 अगस्त यानि हमारा स्वाधीनता दिवस | भारत स्वतंत्रता दिवस की 63 वीं वर्षगाँठ कल मनाने जा रही है | स्वत्रता दिवस को हमलोग राष्ट्रीय पर्व के रूप में मानते है | हम भारत वासियों के लिए यह आजादी एक सदी से भी ज्यादा दमनकारी शासन के बाद अगस्त 1947 में हासिल हुई | तो स्वाभाविक ही हमारे लिए बहुत बड़ा त्यौहार है और इसे हम सब मिलकर जश्न की तरह मानते है | हमारा मन तो अभी से भी हर्षोल्लास में विचरण करने लगा है | कल सुबह सबेरे ही राष्ट्र गान के साथ हमारे देश के प्रधान मंत्री लालकिला के प्राचीर से तिरंगा फहराएंगे | उसके बाद वो देश को संबोधित भी करेंगे |हमारे...

मिट्टी आसानी से हरेक जगह उपलब्ध हो जाती है इसीलिए उसे उपेक्षा की दृष्टि से देखा जाता है | परन्तु मिट्टी के एक टुकड़े को यदि प्रयोगशाला में जाँच कराया जाय तो उसमे अनेकों प्रकार के क्षार , विटामिन्स, खनिज, धातु, रासायन रत्न, रस आदि निकालेंगे |
क्या आपने कभी अनुभव किया है मिट्टी में एक बहुत ही खास गुण होता है | शरीर के जिस भाग में गीली मिट्टी के लेप लगाकर बांधा जाय तो उस अंग विशेष का विषैला अंश खींचकर मिट्टी में चला जाता है | मिट्टी के अंदर विश्हरण शक्ति होता है | रोगुक्त अंग पर गीली मिट्टी के बाँधने के कुछ देर पश्चात् खोला जाय तो मिट्टी में मनुष्य...

चलिए आज आपके साथ हम चर्चा करते है वर्तमान समय की ज्वलंत समस्या " मोटापा" जी हाँ ज्यादातर लोगों की परेशानी है बढ़ते वजन | तो किस तरह से आप अपने वजन को नियंत्रण में रख सकते है | फॉर एवर लिविंग प्रोडक्ट्स ने एक नया उत्पाद शामिल किया है जो आपके वेट को नियंत्रण में रख सकता है | जिसका नाम है "फॉरएवर लीन" |"फॉरएवर लीन" दो ऐसी क्रांतिकारी सामग्रियों को इकठ्ठा करती है , जो शरीर को वसा और कार्बोहायड्रेट से कैलोरीज का शोषण कर वजन घटाने में मदद कर सकती है |इन सामग्रियों में से सबसे पहली बहुत अनूठी,वसा सोखने वाला फाइबर है, जिसे कैक्टस के पौधे, ओपेन्शिया...

वर्तमान समय में लोगों की व्यसत्ता के कारण सभी जंक फ़ूड कंपनियों की मौज हो रही है | कुछ तो लोगों की मज़बूरी और कुछ जीभ के स्वाद के कारण फास्ट फ़ूड जैसे बर्गर , पिज्जा, चिप्स, तली-भुनी चीजों, चाकलेट,पेस्ट्री-केक, और कोल्ड ड्रिंक में अपनी रूचि बढ़ाने लगे है | पर क्या शरीर के लिए ये भोजन स्वस्थ यानि हितकर है ? बिलकुल नहीं ! यह हमारे शरीर में बिभिन्न प्रकार के समस्या पैदा करते है | सही कारण है लोगों की तनावपूर्ण जिन्दगी ओर उचित खान-पान के आभाव |
स्वस्थ्य शरीर के लिए हमें स्वस्थ्यप्रद आहार की जरुरत होती है | स्वस्थ्य शरीर पर ही चेहरे की खूबसूरती निर्भर...

मोटापा यानि की बढ़ते वजन की समस्या वर्तमान समय की सबसे बड़ी समस्या है | विकृत जीवनशैली व डिब्बा बंद खान-पान का ज्यदा स्वाद लेना , अधिक मात्रा में खाते रहना, हर वक्त कुछ न कुछ खाते रहना , दिन भर बैठे-बैठे काम करना, शारीरिक श्रम कम करना,व्यायाम न करना,आलसी प्रवृति का होना, दिन में सोना,ज्यदा तेलिय आहार का सेवन करना,मांसाहार तथा अंडा का सेवन करना, वंशानुगत प्रभाव, व हार्मोनल असंतुलन आदि कारणों से शरीर में चर्बी बढ़ने को मोटापा कहते है | एक बार मोटापा आ जाय दो दूर करना कठिन हो जाता है इस तरह मोटापा सौन्दर्य के साथ-साथ सेहत का भी दुश्मन है |तो आइये...

चिक्तिसा परामर्श हेतु हमसे संपर्क करने वालो में सर्वाधिक संख्या उन रोगियों की होती है जो उदर रोगों से पीड़ित होते है - जैसे अपच,भूख न लगना, गैस, एसिडिटी और सबसे मुख्य रोग कब्ज़ | अनियमित दिनचर्या और अनुचित आहार-विहार के अलावा मानसिक तनाव, नाना प्रकार के कारणवश होने वाली चिंता का सीधा प्रभाव नींद और पाचन संस्थान पर पड़ता है और व्यक्ति अनिद्रा तथा अपच का शिकार हो जाता है और इस स्थिति का निश्चित परिणाम होता है कब्ज़ होना | कब्ज़ कई व्याधियों की जड़ होती है जिसमे बवासीर, वात प्रकोप, एसिडिटी, गैस और जोड़ों का दर्द आदि व्याधियां कब्ज़ के ही देन होती...