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Feb 3, 2010

कब्ज ( Constipation ) के लिए रामबाण है एलो वेरा जूस |

आज मैं जिस रोग के बारे में बात कर रहा हूँ ,वर्तमान समय में अधिकतर लोग इस रोग से पीड़ित है और ऐसे रोगी हर घर हर मोहल्ला में ज्यादा देखा जाता है |

सुबह बिस्तर छोड़ने के कुछ समय पशचात प्राकृतिक रूप से या अपने आप मल विसर्जन होना ही चाहिए ,यह मनुष्य का प्राकृतिक क्रिया है | यदि ऐसा नहीं होता तो उसे कब्ज ( Constipation ) नामक रोग कहा जायेगा | और इस रोग के कारण अनेक दुसरे प्रकार के रोग भी उत्पन्न होते है |


कब्ज के कारण जैसा की नाम से ही लगता है शौच खुलकर नहीं आना ,बार बार थोडा थोडा आना ,सिरदर्द होना,अनिद्रा,आलस्य,भूख नहीं लगना ,पेट में भारीपन.गैस बहूत बनना,कमजोरी लगना,काम में मन नहीं लगना एवं उत्साह में कमी ,ऐसे कई प्रकार के लक्षण साबित करता है की ब्यक्ति कब्ज़ से पीड़ित है , और कब्ज अगर ज्यादा दिन तक रहा तो वो ब्यक्ति निश्चित ही बाबासीर से भी पीड़ित हो सकता है | बाबासीर का जन्मदाता है कब्ज़ अगर कब्ज नहीं तो बाबासर भी नहीं हो सकता है |


आजकल के नौजवान इस भ्रम में रहते है की हमें कोई रोग हो ही नहीं सकता पर आरोग्य रहने के लिए आँतों का कार्य अति महत्वपूर्ण है | नशे के आदि लोग जैसे शराब,बीडी,गांजा,भांग,अफीम,चरस,या अधिक चाय या काफी से भी कब्ज बढती है | तेज मिर्च मासाला ,बासी भोजन,सुबह देर तक सोना,रात को देर तक जागना,तली चीजें खाना,सुबह का ब्यायाम नहीं कर पाना अधिक खाना या अल्प आहार लेना भी कब्ज का कारण को जन्म देता है |

आँतों को पर्याप्त पोषक नहीं मिलने से आंत में गर्मी और दुर्बलता आ जाती है | दिन भर के कुढन और प्रसंचित होकर भोजन नहीं कर पाना ,थोडा बहूत खा भी लिया तो वह शरीर को नहीं लगता है तथा कब्ज के शिकार हो जाता है | समय पर शौच नहीं होने से दूषित मल आँतों में फंसा रहता है,जिससे बायु अबरोध, और दूषित बायु तत्व रक्त में मिलकर अनेक बीमारियाँ उत्पन्न करते है | ज्यादा गरिष्ठ भोजन और प्रतिदिन गरिष्ठ भोजन भी कब्ज का कारण बन सकता है |

उपचार साफ़ है जिस कारण से रोग होता है उनका त्याग करना | उपरोक्त सारी बातों को जानने के बाद यह समझ में आता है की अगर दिनचर्या में,खानपान में सुधार इस तरह से करें की सुबह अपने आप शौच हो जाए |


अर्थात ,स्वास्थ्य रहना है या स्वास्थय की रक्षा करना है तो बिस्तर से उठकर सारी चिंताओं को छोड़कर विधिवत शौच करें ताकि मन तथा शरीर दोनों स्वास्थ्य और प्रफुल्लित रहें |

इस रोग को शरीर से मुक्त करने के लिए आप हमारे विश्व प्रसिद्ध एलो वेरा जेल का प्रयोग करें, नित्य सुबह खाली पेट अगर कोई ब्यक्ति बिना कोई गर्म चाय या पानी पिए प्रतिदिन 40 से 50ML सेवन करता है ,रात को भोजन से एक घंटा पहले या एक घंटा बाद फिर आधे घंटे बाद दो गिलास गुनगुना पानी अवश्य पियें | और साथ में हमारे पास कुछ टेबलेट है जैसे की गार्लिक थाइम और फील्ड्स ऑफ़ ग्रीन ,जो सुबह के नाश्ते और रात्री भोजन के बाद लेने से इस तरह के रोग से हमेशा हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा |

इस बात का जरूर ध्यान रखें की सुरुआत पहले कब्ज से होती है ,फिर गस्ट्रिक, इसके बाद बबासीर ,रक्त चाप,ह्रदय रोग और भी अनेक प्रकार के बीमारियाँ का जन्म देती है | इसलिए अगर आपका पेट स्वस्थ्य है तो आप तन तथा मन दोनों से स्वस्थ्य रहेंगे |

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ज्ञान दर्पण
ताऊ .इन

3 comments

Udan Tashtari February 4, 2010 at 9:30 AM

जी, बहुत आराम लग रहा है एलोवेरा जेल से.

Gyan Darpan February 4, 2010 at 8:57 PM

कब्ज में तो ये बिल्कुल रामबाण साबित हुई है जी | इसके प्रयोग से कब्ज में तो पूरी राहत मिल रही है |

Unknown December 26, 2011 at 8:36 AM

ऐलोविरा जूस जीवन के लिए अमृत है।

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