" "यहाँ दिए गए उत्पादन किसी भी विशिष्ट बीमारी के निदान, उपचार, रोकथाम या इलाज के लिए नहीं है , यह उत्पाद सिर्फ और सिर्फ एक पौष्टिक पूरक के रूप में काम करती है !" These products are not intended to diagnose,treat,cure or prevent any diseases.

Feb 17, 2012

सफलता का मूल मन्त्र सकारात्मक सोच, जोश व जूनून !!


अपने दम पर जिन्दगी जीने वाले कभी असफल नहीं होते ! जैसे की बाज कभी भी मरे हुए जानवर को नहीं खाते ! वो अपना शिकार खुद करते है ! कामयाबी हासिल करने के लिए भगत सिंह की इस लाइन को हमेशा याद रखिए ! " जिन्दगी तो अपने दम पर जी जाती है , दूसरों के कन्धों पर तो जनाजे जाते है !" स्वयं के द्वारा कार्य करने वाले लोग ही सफल होते है ! इसके लिए सबसे पहले तो अपने आप से वादा करना होगा " की हमें भीड़ से अलग पहचान बनाना है ! एक कामयाब लोगों की सूचि में अपना नाम दर्ज करवाना है ! इसके लिए खुद कामयाब लोगों से जुड़ना होगा , उनके तौर तरीके को सीखना होगा ! चुकी नाकामयाब व्यक्ति के समूह या सांगत में रहकर हम कभी कामयाब नहीं हो सकते है ! कामयाबी हासिल करने के लिए जरुरी है आज ही उन तमाम नाकारात्मक प्रवृति के लोगों से नाता तोड़ ले जो हमेश कीड़े-मोकोड़े जैसे जिन्दगी जीना चाहते है और छोटी-मोती तुच्छ चीजों से संतुष्ट हो जाते है और उससे आगे कभी सोचना नहीं चाहते ! हमेशा उन कामयाब लोगों के साथ रहे जो कामयाब है और आगे बढ़ने के लिए उत्साहित रहते है !

आज चर्चा करते है हमारे कम्पनी के लोगो " बाज " के बारे में ------ इस महान पक्षी की सफलता के वो गुण जिनको हम अपने जिन्दगी में अपनाकर सफलता की ऊँचाइयों को छू सकते है ! क्या आपने कभी ऊँचाइयों पर बाज को देखा है ? क्या आप अपनी जिन्दगी में, अपने ऍफ़.एल.पी. व्यवसाय में, वही उंचाइयां हासिल करना चाहते है ? क्या आप शिखर पर पहुंचना चाहते है ? क्या आप अपने सपने साकार करना चाहते है ? क्या आप वास्तव में अमीर बनना चाहते है ? अगर इन सभी प्रश्नों का उत्तर ' हाँ ' है, तो आपको " बाज " बनना पड़ेगा !

' बाज ' सच में अपने इलाके , अपनी जिन्दगी का स्वामी होता है ! उन ऊँचाइयों पर पहुँचने का कल्पना करें, जिन ऊँचाइयों को हासिल करने के लिए लोग डरते है ! परन्तु " बाज " जैसी आजाद जिन्दगी जीने के लिए , अपने सपने को साकार करने के लिए, लक्ष्य को हासिल करने के लिए, अपनी बनाई हुई सीमाओं से मुक्त होना होगा !


" बाज " का विजन बहुत मजबूत होता है :- वो आसमान से पांच किलोमीटर से शिकार को देख लेता है ! हमेशा अपनी नजर वहां पर केन्द्रित रखता है ! चाहे चुनौतियाँ जितनी भी आ जाए , तबतक शिकार से वो नजर नहीं हटाता जबतक हासिल न कर ले ! फॉरएवर व्यवसाय या जिन्दगी के किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए, चाहे कितनी भी मुश्किलें आ जाए हमेशा अपना विजन मजबूत रखें ! अपनी लक्ष्य की ओर ध्यान केन्द्रित करें ! जीत आपकी एक दिन अवश्य होगी ! कामयाबी हासिल करने के लिए मुश्किलों से नजर हटानी होगी और अपने लक्ष्य की ओर ध्यान केन्द्रित करना होगा !

" बाज " चुनौतियों का मजा लेता है :- बाज ही एकलौता ऐसा पक्षी है , जो तुफानो से प्यार करता है ! जब आसमान में काले बादल आते है तो वो जोश से भर जाता है ! अपने पंख बहुत तेजी से मारता है , वो तेज आँधियों की मदद से ऊँचाइयों तक आँधियों के बीच पहुँच जाता है ! फिर वो पंख मारना बंद करके पंखों को आँधियों के आगे फैलाकर आसमान की ऊँचाइयों का मजा लेता है ! तेज आंधियां बाज को मौका देती है की वो अपने पंखों को आराम दे और हवा के दबाब के साथ उड़ता जाए ! जबकि और पक्षियाँ पेड़ के पत्तियों व टहनियों के आड़ में छिपने की जगह तालाश करते है !

फॉर एवर व्यवसाय में मुश्किलें तो आएगी, लेकिन आपका नज़रिया आप को शिखर पर ले जाएगा ! यह आप पर निर्भर करता है, या तो आप हालात बदल देंगे या हालात आप को बदल देंगे ! हम अपनी जिन्दगी की मुश्किलों के आगे घुटने टेक सकते है या उन्ही मुश्किलों से चैलेंज लेकर आगे बढ़ सकते है या आगे बढ़ने के लिए इस्तेमाल भी कर सकते है !


जिन्दगी में उपर उठने के लिए चुनौतियों का आना और होना जरुरी है ! यह बहुत जरुरी है की मुश्किल हालात से निकलना ही होगा अगर वो आगे बढ़ना चाहते है ! नहीं तो वो कभी नहीं सिख सकते ! अगर तैरना सीखना है , तो पानी में जाना ही होगा और चार-पांच गोता लगाने ही पड़ेंगे ! अगर आगे बढ़ना है , कामयाब बनाना है तो मार्केट में जाना ही होगा , चार लोगों की ना सुनानी पड़ेगी ! या तो हम विफलता के बहाने बना सकते है या मुश्किलों से सीख सकते है ! मुश्किलें एक सर्जरी की तरह होती है जिनके चलते दर्द तो होता है लेकिन वहीँ सर्जरी बड़े दुःख को दूर करने के लिए जरुरी होती है ! वही लोग आसमान की बुलंदियों को छू पाते है जो मुश्किलों से कभी हारते नहीं ! इसी वजह से वो सीखते है, दुनिया में आगे बढ़ते है और दुनिया उनको सलाम करती है !

व्यर्थ चीजो को त्याग करना :- पक्षियों की प्रजाति में बाज की जिन्दगी सबसे ज्यादा होती है, वो 70 साल तक जीता है ! पर इस उम्र तक पहुँचने के लिए उन्हें बहुत सख्त फैसले लेने पड़ते है ! जब वो 40 साल का हो जाता है तब उसके पंजे शिकार पकड़ने, झपटने के काबिल नहीं रहते ! उसकी लम्बी टेडी चोंच झुक जाती है ! उसके बड़े बूढ़े पंख उसकी छाती से अटक जाते है, जिसकी वजह से उसे उड़ने में भी मुश्किल होती है ! तब बाज के पास दो ही रस्ते होते है
1 . हालातों को अपने ऊपर हावी होने दे और मारना स्वीकार करें------ या
2 . 150 दिनों में एक दर्दनाक प्रक्रिया से निकले जिसकी वजह से उसे नया जीवन मिले !


बाज कभी भी हार नहीं मानता और अपने घोंसले के तरफ उड़ जाता है, अपनी चोंच को तब तक चट्टान के साथ मारता है, जबतक वो उखड ना जाए ! तब उसके बाद नई चोंच आने का इंतज़ार करता है ! उसके बाद अपने नाखूनों को भी उखाड़ता है ! जब उसके नए नाख़ून दुबारा आते है तब वो अपने पुराने पंखों को उखाड़ना शुरू करता है ! इस साड़ी प्रक्रिया में पांच महीने लगते है और उसके बाद उसके नए पंख आ जाते है तो उसका नया जन्म होता है ! वो एक नई उड़ान भरता है और इस तरह से वो ही बाज जो मरने की कगार पर खड़ा था , 30 साल और जीता है !

कई बार जिन्दा रहने के लिए, आगे बढ़ने के लिए बेकार चीजों को परित्याग करना और परिवर्तित प्रक्रिया से निकलना बेहद जरुरी होता है ! हमें सफलता के लिए नई आदतों को अपनाना पड़ेगा जिसकी वजह से हम तरक्की की ओर आगे बढ़ेंगे ! हमें पुराणी आदतों को छोड़ना पड़ता है , जिनको साथ लेकर हम आगे नहीं बढ़ सकते ! मुझे विशवास है की सफलता की उड़ान से आप प्रेरणा अवश्य लेंगे ! इसे पढने के बाद अपनी सफलता की राह की रुकावटों को नई नजर से देखेंगे !

तो फिर उड़ने के लिए तैयार हो जाए हम एक दिन शिखर पर जरुर मिलेंगे !!!

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Feb 4, 2012

कैंसर इसका कारण और निदान !!


कैंसर का खतरा जिस तेजी से आजकल बढ़ रही है इसका सर्व प्रमुख कारण आहार विहार का प्रदुषण, भोजन में अम्ल और मधुर रसो का अति सेवन है ! दूसरी ओर धुम्रपान व गुटखा पण मशाला का सेवन फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण है और मौतों का सबसे बड़ा कारण है ! वैसे तो कैंसर के बहुतेरे कारण है ! अब कुछ कारण आपके समक्ष रख रहे है जैसे की सूर्य के प्रकाश में अधिक देर तक रहने से त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ जाता है ! एस्बेस्टस का काम करने वाले मजदूरों में फेफड़े के एक अजीब प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है , जिसे "मिजोथिलिओमा" कहते है !

विकिरनें, चारकोल, खाने से बसा की अत्यधिक मात्रा, सेक्रिन तथा कीटनाशक दबाईयां व रासायनिक ( हर्बीसाइड व पेस्टीसाइड ) में पाए जाने वाले रासायनों या ऐसी चीजें जिनसे हममे कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है, इसे कर्सिनोजन कहा जाता है !

एक रिपोर्ट के अनुसार चिमनी से निकलने वाले धुंए से अंडकोष के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है , हम पार्यावरण से और अधिक डरने लगे है ! जैसा की हम सब जानते है की हमारा शरीर पिछली पीढ़ियों की तुलना में कहीं अधिक रासायनों का सामना कर रहा है !

और यही वर्तमान में सबसे अधिक कैंसर से मौत का कारण है ! कैंसर से लड़ने के लिए आयुर्वेदिक इलाज सबसे बेहतर विकल्प , जिसका किसी भी प्रकार को शरीर पर दुष्प्रभाव नहीं होता है ! व्यक्ति के रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा देता है जो किसी भी प्रकार के रोग से लड़ने में समर्थ होता है ! और रोगियों के हालात में निरंतर सुधार होता रहता है ! अतः एलोवेरा व पौष्टिक पूरक का नियमित सेवन से कैंसर जैसे असाध्य रोग पर नियन्त्र कर सकते है ! कैंसर जो साक्षात् मौत है उस पर हम विजय पा सकते है !

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कैंसर को दे मात एलोवेरा व पौष्टिक पूरक से !!


कल यानि 4 फरबरी विश्व कैंसर दिवस के रूप में मनाये जाते है ! यह एक ऐसा शब्द है जिसका नाम सुनते है पीड़ित व्यक्ति व उनके परिजन के होश उड़ जाते है ! वर्तमान में दुनिया में होने वाली मौतों का दूसरा प्रमुख कारण कैंसर है ! यह आज दुनिया भर में सबसे बड़ी स्वास्थ्य की समस्या बन चूका है ! तक़रीबन 10 लाख कैंसर के मामले प्रत्येक साल भारत में आते है ! देश में महिलाओं में गर्भाशय के मुख ( सर्विक्स ), स्तन व डिम्बग्रन्थि के कैंसर के सर्बाधिक मामले सामने आते है ! वहीँ पुरुषों में मुंह, गर्दन व फेफड़े व भोजन नली के कैंसर के मामले सबसे ज्यादा होते है !

शरीर के किसी भी भाग में , उस भाग की कोशिकाओं ( सेल्स ) में असमान्य रूप से वृद्धि होने की प्रक्रिया को कैंसर कहा जाता है ! यह असमान्य वृद्धि शरीर के किसी भी भाग में गांठ व घाव के रूप में हो सकती है ! आइये कुछ प्रकार के कैंसर के बारे में चर्चा करते है और लोगों में जागरूक बनाए :-

मुख कैंसर ( माउथ कैंसर ) :- वर्तमान में मुख कैंसर के मामले सबसे ज्यादा भारत में पाए जाते है ! तक़रीबन 50 फीसदी से भी ज्यादा मामले भारत में सामने आते है !
अपने देश में मुख कैंसर ज्यादा होने के सबसे प्रमुख कारणों में से एक है गुटखा पान मशाला व तम्बाकू के उत्पादों का सेवन ! आजकल युवक व युवती गुटखा पान माशाला का सेवन अपनी शान की बात समझते है !

यही वजह है अब युवावस्था में ही तमाम लोग इस कैंसर के गिरफ्त में आ रहे है ! इसके अलावा धुम्रपान व शराब का नित्य सेवन भी मुख कैंसर के जोखिम को बढ़ता है ! शुराती अवस्था में यह छोटा घाव ( अल्सर ) के रूप में विकसित होता है ! दर्द नहीं होने के कारण लोग इसे अनदेखी कर देते है ! लेकिन जबतक समझे में आता तबतक गर्दन की ग्रन्थियों तक या फिर शरीर में अन्य भागों तक फैलने की आशंकाए बढ़ जाती है !

अमाशय ( स्टमक ) कैंसर :- स्टमक कैंसर पाचन तंत्र को बुरी तरह से प्रभावित करता ! इसके कारण पाचन तंत्र की कार्य प्रणाली बंद हो जाती है ! शुरुआती दौर में इस रोग को पहचानना बिलकुल संभव नहीं चुकी इसका विशेस लक्ष्ण नहीं होता जिससे स्पष्ट हो सके की यह अमाशय कैंसर के रूप है ! वैसे अगर पेट दर्द, पेट का फूलना, जी मिचलाना या उलटी होना, मल त्याग की आदतों में बदलाव और वजन कम होना आदि ऐसे ही लक्ष्ण है जो सामान्यतः अनेक रोगों में प्रकट हो सकते है !
जब मरीज बदहजमी, पेट में अल्सर या साधारण वाइरल से पीड़ित होता है !धुम्रपान और बहुत अधिक मात्रा में शराब पीना अमाशय कैंसर का एक कारण हो सकता है!

आयुर्वेद के अनुसार किसी भी रोग की चिकत्सा के लिए रोग के मूल कारणों को जानना अनिवार्य है ! आयुर्वेद के मुताबिक कैंसर का मूल कारण शरीर में विकारयुक्त पदार्थों का संचित होना है ! और यदि यह ज्यादा समय तक शरीर में संचित रहे तो मानव कोशिकाओं के विभाजन को प्रभावित कर उन्हें दूषित कर देते है ! और यही एक कैंसर का रूप ले लेते है !

स्तन कैंसर :- विश्व स्वास्थ्य संगठन के पूर्वानुमान के अनुसार 2020 तक भारत में सात में से एक महिला स्तन ( ब्रेस्ट ) कैंसर से पीड़ित होगी ! वैसे देश में आजकल ब्रेस्ट कैंसर के मामले का गुणात्मक रूप से वृद्धि हो रही है ! महिलाये तब तक इस रोग की ओर ध्यान नहीं देती जबतक उनकी गाँठ में दर्द शुरू नहीं हो जाता है ! कई बार छोटी सी दर्दविहीन गांठ आगे चलकर स्तन कैंसर का कारण बन जाता है ! अतः इस जोखिम को न अपनाए , ऐसा समझ आये तो तुरंत चिक्स्त्क के पास जाए और अपना सफल इलाज करबाए ! स्तन कैंसर धीरे-धीरे पनपता है ! कैंसर की गांठ 1 सेमी. तक बनाने में कई बार 10 साल तक लग जाते है !

कैंसर के उपचार में आयुर्वेदिक व प्रकृतिक चिकत्सा एलो वेरा जेल व पौष्टिक पूरक से नतीजे बहुत ज्यादा सकारात्मक रहते है ! एलोवेरा जूस का नियमित सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है ! एलोपैथी चिकत्सा में रेडियो थेरेपी व किमो थेरोपी के दुष्प्रभाव भी होते है तो साथ में आयुर्वेद चिकत्सा से इन दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है !
एलोवेरा जेल व पौष्टिक पूरक निम्नलिखित है :-
1. Aloe Vera Gel 2. Garlic Thyme 3.Artic Sea 4. Pomestin Power 5. Bee Propolis 6. Gin Chia.Fields OF Green ETC.

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Feb 3, 2012

जा को राखे साइंया मार सके न कोई ! मौत पर भारी ज़िन्दगी !



"जा को राखे साइंया मार सके न कोई " बिलकुल ठीक कहा गया है , दरअसल आज शाम 6 .45 मिनट की घटना है ! पल्ला पुल के पास वाली आगरा नहर में एक बारहवीं क्लास की छात्रा ने छलांग लगा दी ! जिसका नाम उनके कापी पर श्वेता शर्मा लिखा हुआ था !

प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार लड़की देर शाम तक़रीबन साढ़े छे बजे आई ! मानसिक स्थिति कुछ ठीक नहीं लग रहा था ! पहले तो वो पुल के ऊपर से कूदने की सोच रही थी और कई बार प्रयास भी की परन्तु मौत के खौफ से वो नहीं कर पा रही थी फिर वो पुल के बगल से थोडा नहर के निचे गई और अपनी सॉल और कापी को निचे रख छलांग लगा दी !

वहीँ से गुजर रहा रिक्शा चालाक ने देखा और शोर मचाया ! लोग तमाशबीन के तरह देख रहे थे पर कोई कुछ भी नहीं कर पा रहे थे ! अँधेरा होने लगी थी ,ज्यादा दूर तक पानी में दिखाई नहीं दे रहा था !कुछ ही दुरी पर पुलिश की गाडी खड़ी थी लोगो ने उन्हें सुचना दी ! पुलिश वाले आये ,परन्तु वो भी भीड़ का हिस्सा मात्र बन कर रह गया और लोगों से कह रहे थे की कोई छलांग तो लगाओ पानी में ! पर कोई भी तैयार नहीं हो रहे थे ! एक ने प्रयास भी किया पर ज्यादा कुछ नहीं कर पाए और वापस नहर से आ गया !

तबतक कोई 7 -8 मिनट हो चूका था ! उसी रास्ते से एक व्यक्ति मोटर बैक से जा रहा था और भीड़ देखकर रूककर पूछने लगा की क्या बात है ? फिर एक महिला ने बताई की एक जबान लड़की नहर में कूद गई है ! उसने अपनी परवाह नहीं करते हुए नहर के साथ अँधेरे में बहुत दूर तक दौड़ता हुआ गया और फिर वो बहते हुए उस लाश की तरह लड़की को देख लिया ! उन्होंने अँधेरे में ही नहर में छलांग लगाया और उस मृत सामान लड़की कंधे पर उठाकर ऊपर तक लाया ! उसने पानी पीकर बेहोश और अचेत सी हो गई थी ! जैसे ही पानी पेट से निकालना शुरू किया , थोड़ी से शरीर में हलचल हुई फिर पुलिस वैन ने उन्हें लेकर अस्पताल ले गए जहाँ उन्हें खतरे से बहार बताया गया !

वो जाँबाज कोई सिपाही या कोई प्रशाशन के लोग नहीं था , वो एक आम आदमी था ! जबकि वो खुद बहुत ही जल्दी में था क्योंकि उनका बेटा को हाथ के ऊँगली कट गया था जिसे अस्पताल ले जाना था और उनकी पट्टी करना था !

एक बात और उनके जेब में बहुत सारे रुपैये भी थे और सोचने लगे की अगर वो पैंट पहनकर कूदते है तो सारे के सारे कागजात और रुपैये ख़राब हो सकते है और अगर खोलते है तो कोई कहीं ले न भागे ! पर उन्होंने सब कुछ भूलकर उस लड़की की जान बचाने के लिए अपनी पैंट उतारा और कूद गए !

लड़की के लिए वो किसी अदृश्य शक्ति बनकर उनकी रक्षक साबित हुए ! "इंसानियत अभी भी जिन्दा है" , कौन कहता है लोगों की आत्मीयता मर गई है ? इस संसार में अभी भी है ऐसे लोग जिनपर देश और हम सब गर्व करते है

मैं उस जांबाज व्यक्ति का नाम जरुर बताना चाहूँगा , जी हाँ वो मेरे भी अजीज है जिसका नाम है लोकपाल अत्री जिसे हम झिल्लू के नाम से भी बुलाते है ! मकान न० - 2060 सेक्टर- 16 फरीदाबाद के निवासी है और वो हरियाणा के स्कुल में बतौर शारीरिक प्रशिक्षक ( Phyical Trainer ) कार्यरत है !
मोबाईल न० :- +91 9650500770 है ! कबड्डी के अंतरराष्ट्रीय खिलाडी भी रह चुके है ! हमें गर्व है ऐसे लोगों पे जिन्होंने अपनी अकलमंदी, होशियारी,हौसलों व मजबूत इरादों से मौत पर जिन्दगी की जित दर्ज करा दी !


सभी साथियों से निवेदन है की इसे ज्यादा से ज्यादा लिंक करे ताकि जांबाजी की यह सन्देश ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुच सके !! मौत पर फतह हासिल करने वाले इस जांबाज को मेरी ओर से हार्दिक शुभकामना !!

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