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Jun 3, 2010

स्वास्थ्य तन व मन के लिए उपवास और एलो वेरा जूस


उपवास हमारे जीवन के लिए बहुत ही खास होता है | पहले के अपेक्षा आज कल ये प्रचलन बहुत कम होता जा रहा है | परन्तु आयुर्वेद एवं अध्यात्म दोनों ही दृष्टिकोण से उपवास की महता बताई गई है |

शारीरिक स्वस्थ्य व मानसिक स्वस्थ्य के लिए यह अत्यंत आवश्यक है | शरीर के अन्दुरुनी भाग के सफाई के लिए उपवास एक सरल प्राकृतिक क्रिया है | इससे शरीर को आराम भी मिलता है |
जैसे यांत्रिक मशीन हो या कोई भी मशीन सप्ताह में एक बार उनकी साफ-सफाई बेहद जरुरी है, अन्यथा असमय ही धोखा दे सकती है |
ठीक उसी प्रकार, शरीर रूपी मशीन की साफ-सफाई भी नितांत आवश्यक है अन्यथा हम तरह-तरह के रोगों से प्रभावित हो सकते है |


आज कल के गर्मी के मौसम में तो हप्ते में एक दिन का उपवास अवश्य करना चाहिए , क्यूंकि इस समय पाचक अग्नि भी कमजोर होती है | उपवास रखने से पाचन संस्थान को आराम मिल जाता है तथा शरीर की सफाई होती है |

वैसे भी समय-समय पर एक-दो दिन का उपवास से साधारण रोगों के साथ-साथ अनेक असाध्य रोगों , जैसे मधुमेह, बबासीर आदि में अधिक लाभ मिलता है , इसके अतिरिक्त पाचन तंत्र के रोग, जैसे कब्ज़, अपच आदि में तो उपवास एक तरह से चमत्कारी प्रभाव दिखता है |

उपवास करने से पूर्व यह भ्रम मन से निकाल दें कि इससे आप कमजोरी महसूस करेंगे | उपवास के दौरान मन प्रसंचित तथा शरीर में स्फूर्ति आती है |
उपवास के समय मुंह से दुर्गन्ध सी आती महसूस होती है और जीभ का रंग सफ़ेद पड़ जाता है |
यह इस बात का लक्ष्ण है कि शरीर में सफाई काम शुरू हो गया है |

कुछ ऐसे भी रोग है जिनमे उपवास नहीं करनी चाहिए, जैसे- क्षय रोग, ह्रदय रोग आदि, इसी प्रकार स्त्रियों को भी गर्भावस्था में उपवास नहीं करना चाहिए | इसके अतिरिक्त कुछ रोगों में सिर्फ उपवास करना ही पर्याप्त नहीं होता , बल्कि अन्य उपायों कि भी जरुरत है, जैसे औषधि आदि इसलिए चिकिस्क कि सलाह ले लेनी चाहिए |

उपवास आरम्भ करने के चौबीस घंटे पहले गरिष्ठ खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए |
फलाहार करना ही उचित है | उपवास करते समय बहुत साबधानी बरतनी चाहिए | पेट के विभिन्न अंग उपवास कल में क्रियाशील नहीं रहते, इसलिए उपवास समाप्त करने के तुरंत बाद ही ठोस खाद्य पदार्थों का सेवन न करें | फलों का रस लेना ही ठीक रहता है|

आजकल तो उपवास का विकृत स्वरुप प्रचलित है | इसके दौरान भी लोग इतना गरिष्ठ भोजन करते है कि और दिनों के अपेक्षा ज्यादा ले लिया जाता है | उपवास के नाम से बड़े-बड़े नामी गिरामी होटल भी ब्रत की थाली सजाये बैठे रहते है और लोग बड़े चाव से उस थाली का आनन्द लेते है |

ब्रत के दौरान ज्यादा-ज्यादा पेय पदार्थ जैसे मट्ठा-दूध, जल पर ही रहना चाहिए | ज्यादा से ज्यादा फल व शक ले सकते है |
पेय पदार्थ में अगर आपने ऍफ़.एल.पी का एलो वेरा जूस का सेवन करेंगे तो आपके शरीर का निर्वशिकरण( साफ-सफाई) निश्चित तौर पर तेजी के साथ होगा |
अतः इस गर्मी के मौसम में अपने शरीर के रख-रखाव के लिए और सुन्दर तन व मन के लिए व्रत के दौरान व नित्य-प्रतिदिन एलो वेरा जेल का सेवन करना चाहिए |

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अरे.. दगाबाज थारी बतियाँ कह दूंगी !

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